केंद्र सरकार द्वारा लॉन्च किया गये 'अग्निपथ भर्ती योजना' को लेकर देश के कई राज्यों में बवाल मचा हुआ है। इस योजना के तहत युवाओं को चार साल तीनों सेनाओं में काम करने का अवसर मिलेगा। इस बीच गृह मंत्रालय ने ऐलान किया है कि अर्धसैनिक बलों में नियुक्ति के लिये इन अग्निवीरों को मौका दिया जाएगा। योजना के तहत चुने गए युवाओं को अग्निवीर कहा जाएगा। मचे बवाल के बीच कल सेना ने ये कंफर्म कर दिया कि, इसे वापस नहीं लिया जाएगा और साथ इसमें दी जाने वाली सारी सुविधाओं के बारे में बताया। वहीं, देश के दिग्गज उद्योगपति महिंद्रा ग्रुप ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा है कि, वो सेना में चार साल की सेवा के बाद 'अग्निवीरों' को अपने यहां मौका देंगे।
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देश के दिग्गज उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने ट्वीट कर बताया कि, आग्निवीरों के चार साल की सेवा के बाद वो उन्हें मौका देंगे। साथ ही उन्होंने 'अग्निपथ' योजना को लेकर जारी हिंसा पर दुख जताया है। उन्होंने अग्निवीरों को मिलने वाली ट्रेनिंग को खास बताया है। देश के कई राज्यों में योजना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है। कई संगठनों ने सोमवार को भारत बंद का ऐलान किया है।
Saddened by the violence around the #Agneepath program. When the scheme was mooted last year I stated-& I repeat-the discipline & skills Agniveers gain will make them eminently employable. The Mahindra Group welcomes the opportunity to recruit such trained, capable young people
— anand mahindra (@anandmahindra) June 20, 2022
महिंद्रा ने ट्वीट किया, 'अग्निपथ प्रोग्राम को लेकर जारी विरोध से दुखी हूं। बीते साल जब योजना पर विचार किया गया था, तो मैंने कहा था और मैंने दोहराया था कि अग्निवीर जो अनुशासन और कौशल सीखेंगे, वह उन्हें खासतौर से रोजगार के लायक बना देगा। महिंद्रा ग्रुप ऐसे प्रशिक्षित, सक्षम युवाओं की भर्ती के मौके का स्वागत करता है।'
अग्निवीरों को मिलने वाली सुविधाएं
चार साल के लिए वायुसेना में भर्ती
हर साल 30दिनों मिलेगी छुट्टी
सिक लीव भी
हर महीने 30हजार होगी सैलरी
हर साल इन्क्रीमेंट।
रिस्क, ट्रेवल, ड्रेस और हार्डशिप अलाउंस।
कैंटीन सुविधा और मेडिकल सुविधा।
चार साल के बाद अग्निवीरों को 10.04लाख सेवा निधि के रूप में।
असम राइफल्स और सीएपीएफ में 10फीसदी नौकरियों में वरीयता।
शहादत पर परिवार को बीमा समेत करीब एक करोड़ की राशि।
विकलांगता पर एक्स-ग्रेशिया और बची हुई नौकरी की सैलरी और सेवा निधि।
वायुसेना की गाइडलाइंस के अनुसार ऑनर और अवॉर्ड।