चीन और भारत के बीच पिछले काफी समय से सीमा को लेकर विवाद चल रहा है। इस सीमा विवाद की शुरुआत चीन की ओर से की गई है। क्योंकि, ड्रैगन ने ही एलओसी पर नियमों का उल्लंघन करते हुए भारतीय सीमा के अंदर घुस आया था जिसके बाद भारत के जवानों ने मुंहतोड़ जवाब देते हुए चीन को वापस जाने पर मजबूर कर दिया। दोनों देशों के सौनिकों के बीच 2020 में गलवान घाटी में हिंसक झड़प भी हुआ था जिसके बाद से चीन भन्नाया हुआ है। क्योंकि, इस खूनी संघर्ष में चीन को ज्यादा नुकसान हुआ था। उसके 40 सैनिक मारे गए थे। इस विवाद के बाद से दोनों देशों के बीच कई दौर की बैठक हो चुकी है। लेकिन, हर बार ड्रैगन एक ओर बात करता है तो एक ओर सीमा पर उलंघन करता है। अब चीन के राष्ट्रपति शी जिंगपिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जल्द मुलाकात होगी और इसमें रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी होंगे।
दरअसल, चीन में 23 जून से 14वां ब्रिक्स सम्मेलन (BRICS Summit 2022) का आयोजन हो रहा है। दो दिन की इस बैठक में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के नेता राजनीतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और मानवीय सहयोग की स्थिति और उनकी संभावनाओं पर चर्चा करेंगे। वर्तमान अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दों की समीक्षा करने की भी योजना है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग इस शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे। विदेश मंत्रालय के मुताबिक चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के अलावा 24 जून को मेहमान देशों के साथ वैश्विक विकास पर उच्चस्तरीय संवाद में भी हिस्सा लेंगे।
इस शिखर सम्मेलन से पहले चीन ने ब्रिक्स विदेश मंत्रियों के साथ बैठक की जिसके बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक सहित कई प्रारंभिक बैठकें की। भारत के NSA अजित डोभाल ने बुधवार को वीडियो लिंक के जरिए ब्रिक्स के शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों की बैठक में हिस्सा लिया। खबरों की माने तो, पांच देशों के शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों ने विचारों का आदान-प्रदान किया और वैश्विक शान को मजबूत करने और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए नए खतरों एवं चुनौतियों का जवाब देने जैसे मुद्दों पर अहम सहमति जताई। वहीं, इससे पहले यानी 13वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन भारत में हुआ था। 2012 और 2016 के बाद तीसरी बार भारत ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की मोजबानी की थी। बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी।