चीन (China) के खिलाफ इंडोनेशिया में विद्रोह जैसे हालात बन गए हैं। इंडोनेशिया के एक छोटे से द्वीप में हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर उतरकर चीन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। हालात इतने खराब हो गए हैं कि इंडोनेशियाई सरकार को दंगा निरोधक पुलिस तैनात करनी पड़ी है। आरोप है कि चीन (China) की इस परियोजना से द्वीप पर रहने वाले हजारों लोग विस्थापित हो जाएंगे। यह पहली बार नहीं है, जब किसी देश में चीन के खिलाफ इतने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए हैं। इससे पहले भी फिलीपींस, मलेशिया, वियतनाम और ताइवान समेत कई देशों में लोग चीन के खिलाफ सड़कों पर उतर चुके हैं।
पुलिस पर पत्थरों और पेट्रोल बम से हमला
इंडोनेशिया चीन (China) से मिले कर्ज से सेमपांग द्वीप को विशेष आर्थिक क्षेत्र के रूप में विकसित कर रहा है। ऐसे में इस योजना को लेकर सोमवार को हजार लोगों ने बाटम शहर में विरोध प्रदर्शन किया। इस परियोजना के अंतर्गत द्वीप पर अरबों डॉलर की ग्लास फैक्ट्री का निर्माण भी किया जाएगा, जिससे लगभग 7500 लोग विस्थापित होंगे। पुलिस का आरोप है कि कुछ प्रदर्शनकारियों ने एक सरकारी एजेंसी के बाहर छुरी, पेट्रोल बम और पत्थरों से हमला किया। इस घटना के बाद दर्जनों प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया है।
चीन ने इंडोनेशिया में किया अरबों डॉलर का निवेश
चीन (China) ने दक्षिण पूर्व एशिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देश इंडोनेशिया में बुनियादी ढांचे और संसाधन वाली परियोजनाओं में अरबों डॉलर निवेश किया है। इससे पहले भी चीन के खिलाफ इंडोनेशिया में लोगों की पुलिस के झड़पें हुई थी। जनवरी में सुलावेसी द्वीप पर निकल गलाने की एक फैक्ट्री में घातक दंगा हुआ था। इंडोनेशियाई राष्ट्रपति जोको विडोडो की चीनी शहर चेंग्दू की यात्रा के दौरान कारखाने के निर्माण के लिए दुनिया के सबसे बड़े ग्लास उत्पादक, ज़िनी ग्लास होल्डिंग्स से कथित तौर पर 11.5 बिलियन डॉलर के निवेश का वादा हासिल किया था।
वर्तमान हालात को देखते हुए सिंगापुर के पास रियाउ द्वीप प्रांत की पुलिस ने कहा कि अपनी भारी-भरकम रणनीति के लिए कुख्यात ब्रिमोब के नाम से मशहूर मोबाइल ब्रिगेड दंगा पुलिस यूनिट के 200 अधिकारियों को गुरुवार को घटनास्थल पर भेजा गया है। पुलिस प्रवक्ता जाहवानी पांड्रा अरसियाद ने बताया कि वे रियाउ प्रांत की मोबाइल ब्रिगेड (यूनिट) को दंगा रोकने के लिए तैनात किया गया है। यह तैनाती सुरक्षा बनाने के लिए है। अरसियाद ने कहा कि दंगा निरोधक पुलिस की तैनाती की अवधि वहां के हालात पर निर्भर करेगी।