ये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही हैं जिन्होंने आज भारत को विश्व में उस स्थान पर लाकर खड़ा कर दिया है जहां पूरी दुनिया इंडिया के साथ रिश्ते जोड़ना चाहती है। आज विश्व में भारत के साथ बड़े से बड़ा देश जुड़ना चाहता है। हर एक क्षेत्र में भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है यही वजह है कि दुनिया इंडिया के साथ जुड़ना चाहती है। चाहे वो अमेरिका हो, जापान, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेना या फिर कोई अन्य बड़ा देश हो हर कोई पीएम मोदी के साथ जुड़ना चाहता है। अमेरिका भी कई बार यह कह चुका है कि वो आने वाले दिनों में भारत संग अपने रिश्ते को मजबूत करने की कोशिश करेगा। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज के निमंत्रण पर जर्मनी जाने वाले हैं। इसके अलावा वो यूएई भी जाएंगे। लेकिन, उनके इस यात्रा से चीन और पाकिस्तान में अभी से खलबली मच गई होगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 26-27 जून को जी7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए शोल्स एल्माउ जाएंगे। सम्मेलन के दौरान यूक्रेन संघर्ष, हिन्द प्रशांत क्षेत्र की स्थिति, खाद्य एवं ऊर्जा सुरक्षा, जलवायु सहित महत्वपूर्ण वैश्विक चुनौतियों पर चर्चा होगी। विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने शुक्रवार को संवाददाताओं को यह जानकारी दी। विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा कि जी-7 शिखर सम्मेलन में विशेष आमंत्रित के रूप में भारत की भागीदारी वैश्विक चुनौतियों के समाधान खोजने में नई दिल्ली की महत्वपूर्ण भूमिका के लिए विश्व समुदाय द्वारा जुड़े महत्व को दर्शाती है। उन्होंने बताया कि, पीएम मोदी 28 जून को संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा पर जाएंगे जहां वो यूएई के पूर्व राष्ट्रपति एवं अबू धाबी के शासक रहे शेख खलीफा बिन जायेद अल नाह्यान के निधन पर व्यक्तिगत रूप से श्रद्धांजलि देंगे।
जी-7 शिखर बैठक में यक्रेन संकट पर भारत के रूख को लेकर विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा कि, यूक्रेन संकट शुरू होने के समय से ही भारत का रूख स्पष्ट है कि जल्द से जल्द युद्ध विराम होना चाहिए और बातचीत एवं कूटनीति के जरिये समस्या का समाधान निकाला जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यूक्रेन संकट के कारण खाद्य, ऊर्जा सुरक्षा से जुड़े विषयों, उत्पादों से जुड़ी मुद्रास्फीति, वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला बाधित होने के मुद्दों पर भारत ने विभिन्न मंचों पर अपना दृष्टिकोण स्पष्ट किया है। क्वात्रा ने कहा कि वैश्विक मंचों पर भारत का रूख भारत के हितों एवं उसके सिद्धांतों के तहत तय होता है और इसको लेकर कोई शंका या संकोच नहीं होना चाहिए। जी7 समूह दुनिया के सात सबसे अमीर देशों का समूह है जिसकी अध्यक्षता अभी जर्मनी कर रहा है। इस समूह में ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, ईटली, जापान और अमेरिका शामिल है।
बता दें कि, जी 7 शिखर सम्मेलन का आयजन जर्मनी की अध्यक्षता में हो रहा है और इसमें अर्जेंटीना, इंडोनेशिया, सेनेगल, दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों को भी आमंत्रित किया गया है। इसके साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रो, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडू सहित कई अन्य शीर्ष नेता हिस्सा ले रहे हैं। ऐसे में चीन की टेंशन और भी ज्यादा बढ़ने वाली है क्योंकि, ड्रैगन इन दिनों लगातार साउथ चीन सी में अपनी गतिविधियां तेज कर रहा है।