रूस को यूक्रेन पर हमला बोले 117 दिन से ऊपर हो गया और इतने दिनों में रूस ने यूक्रेन के शहरों में जमकर तबाही मचाई है। ये जंग जब शुरू हुई थी को लोगों को लगा था कि 4-5 दिन से ज्यादा दिन नहीं चलेगी क्योंकि, रूस के आगे यूक्रेन कहीं नहीं टिकता। लेकिन, सारा खेल पश्चिमी देशों ने उलट कर दिया। यूक्रेन के लिए पूरी तरह से ढाल बनकर पश्चिमी देश खड़े हैं। ये जंग कहने के लिए तो रूस और यूक्रेन के बीच थी लेकिन, असल में ये रूस और पश्चिमी देशों के बीच चल रही है। जिससे पुतिन अकले इन 30-40 देशों से लड़ रहे हैं और इसके बाद भी ये सारे कमजोर पड़ रहे हैं। यूक्रेन को हथियार से लेकर रॉकेट, टैंक, गोला बारूद के अलावा आर्थिक रूप यहां तक हर ओर से पश्चिमी देशों ने मदद की।
ये सब इसलिए ताकि युद्ध जितना लंबा चलेगा रूस भी उतना ही कमजोर होगा और पश्चिमी देशों को इसमें खूब फायदा होगा खासकर अमेरिका को। लेकिन, पिछले कुछ दिनों से रूस ने यूक्रेन युद्ध को लेकर अपनी रणनीति में बदलाव कर दिया है जिसके बाद से वो इसके प्रमुख शहरों को निशाना बना रहा है और ये रणनीति काम भी आ रही है। क्योंकि, रूस एक के बाद एक कई शहरों पर कब्जा कर लिया है।
इस वक्त रूसी फौजों ने पूर्वी लुहांस्क क्षेत्र के रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण शहर लिसिचांस्क पर शुक्रवार को कब्जा कर लिया। यूक्रेन ने यह जानकारी दी है। उधर, मॉस्को ने भी यही दावा किया है इसके साथ ही कहा है कि, कि क्षेत्र में उसने 80 विदेशी लड़ाकों समेत करीब 2000 यूक्रेनी सैनिकों को घेर लिया है। यूक्रेन के कब्जे वाले आखिरी इलाके लुहांस्क को रूस ने लिसिचांस्क पर कब्जे के बाद तीन तरफ से घेर लिया है। क्षेत्रीय प्रशासन के प्रवक्ता ने इस खबर पर टिप्पणी से इनकार कर दिया। हिरस्के और अन्य इलाके पहले ही आक्रमणकारी फौजों के कब्जे में आ चुके हैं। क्षेत्रीय प्रशासन के प्रवक्ता ने बताया कि पूरा क्षेत्र रूस के कब्जे में है। यह भी खबरें आ रही हैं कि लिसिचांस्क पर कब्जे के बाद यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंसकी एक बार फिर अंडरग्राउंड हो गए हैं।
हफ्तों की भीषण लड़ाई के बाद, यूक्रेनी सेना देश के पूर्व में रूसी सैनिकों से घिरे एक शहर से पीछे हट जाएगी। एक क्षेत्रीय गवर्नर ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। लुहांस्क क्षेत्र के प्रशासनिक केंद्र सेवेरोदोनेस्क शहर को लगातार रूसी बमबारी का सामना करना पड़ रहा है। गवर्नर सेरही हैदई ने कहा, यहां रूसी सेना ने अपनी पकड़ मजबूत बना ली है और हमें अपने लोगों को लौटना होगा। यहां खराब किलेबंदी वाले क्षेत्रों में हताहतों की संख्या हर दिन बढ़ेगी। इसलिए यूक्रेनी बलों को पीछे हटकर नई जगहों पर एकत्र होने और वहां से लड़ाई जारी रखने का आदेश मिला है।