धर्म के नाम पर पूरी दुनिया में झूठ फैलाने वाले पाकिस्तान के अपने ही मैलवी ने कहा कि, सबसे ज्यादा खतरा तो खुद पाकिस्तान को पाकिस्तानियों से है। उन्होंने कहा कि, "मैंने बड़े-बड़े उलेमाओं से सुना है कि पाकिस्तान को पाकिस्तानियों से खतरा है और इस्लाम को मुसलमानों और मजहबी लोगों से खतरा है। लिबरल लोगों से भी हमें इतना खतरा नहीं है जितना मजहबी लोगों से है।"
पाकिस्तान जितना धर्म के नाम पर हो-हल्ला मचाता है असल में ऐसा कुछ नहीं है और इसकी इसी हरकतों के चलते आज पाकिस्तानी ही अपने मुल्क के लिए मुसिबत बन गए हैं। धर्म के नाम पर पाकिस्तान जमकर खेल खेलता है। इस्लाम के खिलाफ एक शब्द भी नहीं सुन सकता। खिलाफ नहीं बल्कि सच तक पाकिस्तान को बर्दाश्त नहीं है। अब पाकिस्तान के एक मौलवी ने जो कहा है वो भारत के कट्टरपंथी मुसलमानों को भी जरूर सुनना चाहिए। क्योंकि, ये कट्टरपंथी मुसलमान पाकिस्तानी समर्थक हैं और इन्हें इसके बारे में असलियत पता होना चाहिए। जो वीडियो सामने आया है उसे सुन कर हर मुसलमान एक बार सोचने के लिए जरूर मजबूर हो जाएगा कि असल में इस्लाम को खतरा किससे है और किससे नहीं।
आगे बढ़ने से पहले नूपुर शर्मा के बारे में बात कर लेते हैं। प्रोफेट मोहम्मद पर दिए उनके बयान को ऐसा धार्मिक मुद्दा बनाया गया कि दुनिया को बताया कि, इस्लाम खतरे में है। मुसलमान खतरे में है। भारत में बैठे कुछ कट्टरपंथी मुलामानों ने पाकिस्तान के साथ मिलकर इस आग में घी डाला और जमकर हो हल्ला मचाया। पाकिस्तान ने तो फेक न्यूज के बदौलत लोगों को गुमराह किया। उसी दौरान पाकिस्तान में हिंदू देवी-देवताओं के मंदिरो को तोड़ दिया गया। इसपर किसी ने कुछ नहीं बोला। लेकिन, नूपुर शर्मा के बयान पर इतनी बड़ी आग क्यूं लगाई गई? पाकिस्तान को लग रहा है कि, वो धर्म का ठेकेदार है तो यह उसकी गलतफहमी है। उसकी इसी हरकतों के चलते उसी के देश में आज इस्लाम के लिए खुद मुसलमान ही सबसे बड़ा खतरा बन गए हैं।
दरअसल, पाकिस्तान में ईशनिंदा कानून का प्रावधान है जो बेहद ही खतरनाक है। इसमें मौत की भी सजा है। लेकिन, पाकिस्तान में यह इन दिनों और भी कतरनाक बनता जा रहा है क्योंकि, यहां पर ज्यादातर मामलों में इसका गलत इस्तेमाल किया जा रहे हैं। आरोप सिद्ध होने से पहले ही कट्टरपंथियों का हुजूम अदालत के बाहर अपने आप सजा को तय कर देता है। पाकिस्तान में ईशनिंदा की आड़ में हत्यारों के मामले आए दिन सामने आते रहते हैं। यहां तक कि, खुद पाकिस्तान का एक देवबंदी मौलवी भी इन आरोपों का सामना कर रहे हैं।
ईशनिंदा के चलते किसी की हत्या करना आसान
एक वीडियो में मौलवी पाकिस्तान के ईशनिंदा कानून की पोल खोलते नजर आ रहे हैं। मुफ्ती तारिक मसूद ने एक वीडियो में कहा कि पाकिस्तान में सबसे आसान काम ईशनिंदा का फतवा जारी करना हो गया है। उन्होंने बताया कि, अभी मैं सक्खर गया था, मैंने देखा कि मेरा नाम बड़ा-बड़ा लिखा हुआ है- मुफ्ती तारिक मसूद को पकड़ो, गिरफ्तार करो- मैं पतली गली से निकल लिया। मैंने सोचा अगर किसी ने यहां मुझे देख लिया तो कल हम भी अखबार में आ जाएंगे। ईशनिंदा का फतवा अब बेहद हल्का हो गया है।
Leading Deobandi Cleric from Pakistan Mufti Tariq Masood has been Accused of #Blasphemy in Pakistan. He is Scared for his Life. Those in India playing with this Narrative on Nupur should remember that Deobandis started this Trend in Pakistan. ISLAMISTS won’t spare YOU Either. pic.twitter.com/cmobcGxT6a
— Vaibhav Singh (@vaibhavUP65) July 6, 2022
ईशनिंदा के चलते पाकिस्तान के जेल में बंद है बेगुनाह
उन्होंने कहा कि, ईशनिंदा के केस में बहुत सारे बेगुनाह लोग जेल में बंद हैं। कुछ तो जेल में पागल हो गए हैं। इसके आगे पाकिस्तान का सच उजागर करते हुए उन्होंने कहा कि, किसी से दुकान खाली करवानी हो, वह खाली न कर रहा हो तो ईशनिंदा का मुकदमा करवा दिया। न चाहते हुए भी उससे जुर्म करवा लिया, वीडियो बना लिया और जज को दिखा दिया। जज भी मजबूर हैं, जज को डर है कि अगर मैंने मुजरिम को बरी किया मुझे गोली मार देंगे। वकील को डर है कि अगर मैंने बरी किया तो आवाम मुझे उड़ा देगी।'
पाकिस्तान को पाकिस्तानियों से खतरा है और इस्लाम को मुसलमानों से
वीडियो में मौलवी आगे पाकिस्तानी की सच्चाई के बारे में बताते हैं कि, पाकिस्तान में वकील भी डर के चलते गलत केस कर रहे हैं, वो अपनी जान बचा रहे हैं और कह रहे हैं कि अपनी जान बचाओ। "मैंने बड़े-बड़े उलेमाओं से सुना है कि पाकिस्तान को पाकिस्तानियों से खतरा है और इस्लाम को मुसलमानों और मजहबी लोगों से खतरा है। लिबरल लोगों से भी हमें इतना खतरा नहीं है जितना मजहबी लोगों से है।"