श्रीलंका में लम्बे समय से जारी संकट के बीच आज 44 साल के इतिहास में पहली बार त्रिकोणीय मुकाबले में सीधे राष्ट्रपति का चुनाव होने जा रहा है। राष्ट्रपति पद की रेस में तीन नाम हैं। इनमें कार्यकारी राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के अलावा डल्लास अलहप्परुमा और अनुरा कुमारा दिसानायके मैदान में हैं। इससे पहले रेस में विपक्षी नेता साजिथ प्रेमदासा का नाम भी आगे चल रहा था लेकिन चुनाव से ठीक पहले उन्होंने अपना नाम वापस ले लिया। और सत्ताधारी एसएलपीपी के सांसद डलास की उम्मीदवारी का ऐलान किया था।
चुनावी समीकरण
राष्ट्रपति पद के लिए श्रीलंका में 225 सदस्सीय सदन में जीत के लिए 113 वोटों की जरूरत होगी। वहीं रानिल विक्रमसिंघे को जीत के लिए इस समय 16 और वोटों की जरूरत होगी। क्योंकि विक्रमसिंघे को तमिल पार्टी के 12 में 9 वोटो मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। वहीं विकर्मसिंघे मुख्य विपक्षी समागी जाना बालवेगया के दलबदलुओं पर भी भरोसा कर रहे हैं। इनमें से ज्यादातर को विक्रमसिंघे ही राजनीति में लाए हैं। आपको बता दे कि श्रीलंका की सत्ताधारी पार्टी पोदुजाना पेरामुना (SLPP) पार्टी से 52 सांसद टूट गए थे। इसके बाद पार्टी में 93 सदस्य ही बचे थे, जो बाद में 4 सदस्यों के लौटने के बाद 97 हो गए थे। विश्लेषकों का मानना है कि 73 साल के विक्रमसिंघे राष्ट्रपति की रेस में अब भी आगे चल रहे हैं।
डल्लास और विक्रमसिंघे के बीच मुकाबला
राष्ट्रपति चुनाव में विक्रमसिंघे का मुकाबला डल्लास अल्हाप्पेरुमा और अनुरा कुमारा दिसानायके से होना है। जब तक साजिथ प्रेमदासा राष्ट्रपति पद की रेस में बने हुए थे तब रानिल विक्रमसिंघे की जीत लगभग तय मानी जा रही थी, लेकिन अब समीकरण बदल चुके हैं, क्योंकि अब राजपक्षे परिवार की पार्टी जो फिलहाल सत्तारूढ़ पार्टी भी है यानी कि एसएलपीपी के ही सांसद डल्लास अलाहाप्पेरुमा ने रानिल विक्रमसिंघे को चुनौती दी है।
प्रेमदासा ने की भारत की सराहना
साजिथ प्रेमदासा ने रविवार को दिए अपने बयान में इस आर्थिक सकंट के बीच भारत के मदद की सराहना की थी और कहा था कि वो भारत से मदद और समर्थन मांगना जारी रखेंगे। आपको बता दे कि भारत ने अब तक श्रीलंका को 3.8 अरब डॉलर की मदद की है। प्रेमदासा ने ये भी कहा कि हम अपने लोगों की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के मामले में भारत सरकार के समर्थन की सराहना करते हैं।