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पाकिस्तान के बाद अब ये देश होने वाला है कंगाल? जाने कैसे शुरू हुई अर्थव्यवस्था की बदहाली

बांग्लादेश भी कंगाली की राह पर

पहले श्रीलंका अब पाकिस्तान (Sri Lanka -Pakistan) में जो आर्थिक तबाही मची उसे पूरी दुनिया ने देखी। आजादी के बाद श्रीलंका के इतिहास में इतनी बड़ी आर्थिक तबाही पहली बार देखने को मिला। इस वक्त एक और मुल्क है जहां पर श्रीलंका वाले हालात देखने को मिल रहा है। दरअसल, यह कोई और नहीं बल्कि भारत का पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान (Pakistan Food Crisis) है। जहां पर इस भारी आर्थिक तूफान देखने को मिल रहा है। हाल यह है कि, पाकिस्तान के पास सब्जियां खरदीने के लिए पैसे नहीं हैं। खाने की चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं। हाल यह है कि मुल्क अब पेट्रोल तक के लिए भी तरस रहा है। इसी कड़ी में अब एक और देश का नाम शामिल हो गया है। ये कोई और नहीं बल्कि भारत का पड़ोसी देश बांग्लादेश है जिसकी हालत बेहद खस्ता हो रखी है। डॉलर की कमी झेल रहे बांग्लादेश में महंगाई और उत्पादों के निर्यात पर भारी संकट बना हुआ है। अप्रैल 2022 से बांग्लादेश की तरफ से आयात के प्रतिबंधों सहित कई उपायों के बावजूद यहां की आर्थिक स्थिति बेहतर बहाल नहीं हो पा रही है। ईंधन और गैस की कीमतों में लगातार बढ़त आम जनता और यहां के उद्योग धंधे पर असर डाल रहा है।

पहले श्रीलंका हुआ तबाह

एक्सपर्ट्स की माने तो विदेशी मुद्रा संकट और अवैध लेनदेन के कारण बांग्लादेश में समग्र आर्थिक गतिविधियों को नुकसान पहुंचा रहा है। विदेशी मुद्रा भंडार के पर्याप्त नहीं होने के कारण कई व्यापारिक बैंक आयात को लेकर लेटर ऑफ क्रेडिट जारी नहीं कर पा रहे हैं। बांग्लादेश बैंक के पूर्व गवर्नर सालेहुद्दीन अहमद का मानना है कि जब तक ओवर-इनवॉइसिंग और हुंडी की जांच नहीं होती, तब तक डॉलर की कमी बनी रहेगी। सालेहुद्दीन अहमद ने चेतावनी देते हुए कहा, सरकार को तुरंत ओवर-इनवॉइसिंग की जांच करनी चाहिए।

IMF के लोग से क्या कम होगी परेशानी?

इधर अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने बांग्लादेश के लिए 4.7 बिलियन डॉलर के समर्थन लोन पैकेज पर हस्ताक्षर किया हैं। जिससे बांग्लादेश बढ़ती ऊर्जा और खाद्य लागत से निपटने में मदद मिलेगी। यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद फॉसिल फ्यूल (Fossil fuel) के आयात पर निर्भर बांग्लादेश को आर्थिक और बुनियादी सुविधाओं को पूरा करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पिछले साल 13 घंटे तक के राष्ट्रव्यापी ब्लैकआउट ने बिजली ग्रिड को प्रभावित किया। बांग्लादेश में विदेशी मुद्रा भंडार 46 अरब डॉलर से 34 अरब डॉलर तक गिर गया है।

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तंग हाल सरकार विपक्ष के निशाने पर

विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी ने संकट के लिए सरकार को दोषी ठहराया है, उस पर अरबों डॉलर की वैनिटी परियोजनाओं पर नकदी बर्बाद करने का आरोप लगाया है। इसके चलते शेख हसीना के इस्तीफे और आम चुनाव की मांग कराने की मांग तेज हो गई है। बांग्लादेश उन कई दक्षिण एशियाई देशों में से एक है जो पिछले एक साल में आर्थिक झटके से निपटने की कोशिश कर रहा है, जिसमें पाकिस्तान और श्रीलंका शामिल हैं।