ताइवान में अमेरिका को जो करना था वो कर चुका। अब चीन की बारी है। अमेरिका ने चीन को चकमा दिया और पूर्वी छोर से उड़ान भरते हुए पेलोसी का जहाज तापे हवाई अड्डे पर लैण्ड हो गया। हालांकि, इसबीच चीन के सुखोई 30 फाइटर जेट्स ने ताइवान की वायुसीमा का अतिक्रमण किया लेकिन लौट गए। अब ऐसा समझा जा रहा है कि चीन पेलोसी की वापसी के बाद ताइवान पर कब्जे की कार्रवाई को अंजाम देगा। ताइवान के खिलाफ मिलिट्री ऑपरेशन शुरु कर ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग विंग को गिरफ्तार कर सकती है। ताइवान की स्वायत्ता खत्म कर चीनी प्रांत घोषित कर सकता है। चीन को ताइवान पर कब्जा करने में तीन दिन से ज्यादा का समय नहीं लगेगा। ऐसा चीन के रक्षा विशेषज्ञों का मानना है।
सवाल यह है कि चीन ने नैंसी पेलोसी के ताइवान पहुंचने के बाद जो संकेत दिए हैं उनका भारत पर क्या असर पड़ेगा।ताइवान के साथ पिछले कुछ बरसों में भारत के संबंध बहुत अच्छे रहे हैं। ताइवान पर चीन के कब्जे की कार्रवाई की कोशिश परक्या भारत तटस्थ रहेगा या चीन पर दबाव बनाने के लिए पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिविधियां बढाएगा या कूटनीति संपर्कों के जरिए चीनी नेतृत्व यानी शी जिनपिंग को ताइवान पर कब्जे की कोशिश से रोकने के प्रयास करेगा। भारत के अलावा रूस की भूमिका भी आने वाले चार-पांच दिनों में बहुत महत्वपूर्ण हो सकती है। अगर चीन ताइवान पर कब्जे करता है तो अपने वादे के मुताबिक अमेरिका ताइवान बूट्स ऑन ग्राउंड होगा। मतलब यह कि ताइवान में चीन और अमेरिका आमने-सामने होंगे तो रूस कौन सी भूमिका का चयन करेगा। क्या रूस तटस्थ रह पाएगा? यह बड़ा सवाल है।
अभी पेलोसी का ताइपे दौरा शुरु ही हुआ है कि चीन के रक्षा मंत्रालय ने ऐलान कर दिया है कि उसकी सेनाएं संयुक्त लाइव वॉर ड्रिल करेंगी। यह लाइव वॉर ड्रिल ताइवान को चारों से घेर कर की जाएगी। मिलिट्री विशेषज्ञों का कहना है कि यह नाम वॉर ड्रिल का है लेकिन असल में ताइवान को हड़पने का षडयंत्र है। चीन के इसी षडयंत्र को देखते हुए अमेरिका ने अपने चार युद्धपोतों को ताइवान के पूर्व में तैनात कर दिया है। इसके अलावा दो एयरक्राफ्ट कैरियर दर्जनों छोटे युद्धपोत और तीन सबमरीन ताइवान के नजदीक भेज दिए हैं। ऐसी भी जानकारी मिली है कि व्हाइट हाउस ने ताइवान स्ट्रेट में चीन की हरकतों पर निगरानी और नियंत्रण करने के लिए टोही विमानों को सतर्क कर दिया है। इसके अलावा बी-2 बॉम्बर्स को किसी भी इमरजेंसी के लिए तैयार रहने के लिए कह दिया गया है।
अमेरिका ने यह कदम इसलिए उठाया है क्यों कि ग्लोबल टाइम्स ने खबर दी है कि पीएलए की संयुक्त सेनाएं मंगलवार की रात को ही ताइवान स्ट्रैट में ज्वाइंट मेरिटाइम एंड एयर ड्रिल करेगा। इस दौरान वो मिसाइल टेस्ट भी करेगा। इसका मतलब साफ है कि चीन नैंसी पेलोसी की मौजूदगी में ही ताइवान को हड़पने की कार्रवाई को शुरु करने के संकेत दे रहा है।