पाकिस्तान पहले भारत का ही हिस्सा था लेकिन, आजादी के बाद ये अलग हो गया। भारत की तरह पाकिस्तान भी इस साल अपनी आजादी के 75वें साल का जश्न मना रहा है। लेकिन, दोनों विपरीत दिशा में चले। जहां भारत अंतरिक्ष से लेकर टेक्नोलॉजी की दुनिया में अपना लोहा मनवा रहा है तो, वहीं पाकिस्तान आतंकवाद और चीन की जाल में फंस कर कंगाली की कगार पर खड़ा। श्रीलंका इस वक्त भारी आर्थिक तबाही का सामना कर रहा है। यही हाल अब पाकिस्तान का भी होता नजर आ रहा है। यहां पर दैनिक चीजें इतनी ज्यादी महंगी हो गई हैं कि जनता का हाल बेहाल हुआ पड़ा है। पाकिस्तान के कंगाली की राह का अंदाजा इसी से लगा लें कि, यहां पर गैस सिलेंडर 3000 रुपये का हो गया है। बिजली 24 रुपये यूनिट हो गई है और पेट्रोल 227 रुपये प्रति लीटर पहुंच गया है। ऐसे में अब पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से उम्मीद है। पाकिस्तान की हालत को देखते हुए प्रधानंंत्री शहबाज शरीफ ने खुद स्वीकार कर लिया है कि, देश गुलाम बन गया है।
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा है कि, पाकिस्तान आर्थिक रूप से गुलाम बन गया है। शरीफ ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष पर सीधा आरोप लगाते हुए उसे पाकिस्तान की बरबादी का कारण बताया है। शहबाज शरीफ ने कहा कि आजादी के 75 साल बाद भी आईएमएफ ने नकदी की कमी वाले देश को आर्थिक रूप से गुलाम बनाया हुआ है और अर्थव्यवस्था वैश्विक संस्थान पर निर्भर है।
बता दें कि, पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता, विदेशी मुद्रा भंडार में कमी, आईएमएफ से कर्ज मिलने में देरी और रुपये के अवमूल्यन का अर्थव्यवस्था पर गंभीर प्रभाव पड़ा है। हालत यह है कि ये छोटे घाव अब नासूर बन गए हैं। भारी कर्ज के बोझ तले दबे पाकिस्तान ने इस आर्थिक संकट से बाहर आने के लिए मुद्राकोष से आपातकालीन वित्तीय सहायता मांगी है। प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के पेशावर शहर में बाढ़ प्रभावित इलाके के दौरे के दौरान एक सवाल के जवाब में कहा कि, हमने अपनी आजादी के बाद से पिछले 75 वर्षों में क्या किया है, आईएमएफ ने हमें आर्थिक रूप से गुलाम बना दिया है।