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Independence Day Live: PM Modi बोले- ये हिंदुस्तान की मिट्टी है, स्वतंत्रता सेनानियों ने अंग्रेजों की नींव हिला दी

लाल किले की प्राचीर से पीएम मोदी ने फहराया तिरंगा

75th Independence Day:  भारत आज आजादी का 75वां स्वतंत्रता दिवस (75th Independence Day) मना रहा है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार 9वीं बार लाल किले की प्राचीर से राष्ट्रीय ध्वज फहराये। तिरंगा फहराने के बाद पीएम मोदी ने अपने संबोधन में स्वतंत्रता सेनानियों को याद किया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, ये हिंदुस्तान की मिट्टी है। यहां हर भारत गर्व से भर जाता है जब वे भारत की महिलाओं की ताकत को याद करते हैं- चाहे वह रानी लक्ष्मीबाई हो, झलकारी बाई, चेन्नम्मा, बेगम हजरत महल।

प्रधानमंत्री ने किया स्वतंत्रता सेनानियों को याद

लाल किले से पीएम मोदी ने कहा कि कर्तव्य पथ पर अपने प्राणों की आहुति देने वाले बापू, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, बाबासाहेब अम्बेडकर, वीर सावरकर के प्रति नागरिक आभारी हैं। कार्तव्य पथ ही उनका जीवन पथ रहा। पीएम मोदी ने कहा कि यह देश मंगल पांडे, तात्या टोपे, भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु, चंद्रशेखर आजाद, अशफाकउल्ला खान, राम प्रसाद बिस्मिल और ब्रिटिश शासन की नींव हिलाने वाले हमारे असंख्य क्रांतिकारियों का आभारी है। पीएम मोदी ने कहा कि हिंदुस्तान का कोई कोना, कोई काल ऐसा नहीं था, जब देशवासियों ने सैंकड़ों सालों तक गुलामी के खिलाफ जंग न की हो, जीवन न खपाया हो, यातनाएं न झेली हो, आहुति न दी हो। आज हम सब देशवासियों के लिए ऐसे हर महापुरुष को, हर त्यागी और बलिदानी को नमन करने का अवसर है।

इसके आगे पीएम मोदी ने लाल किले की प्राचरी से कहा कि, मैं इस स्वतंत्रता दिवस पर सभी भारतीयों और भारत से प्यार करने वालों को बधाई देता हूं। नए संकल्प के साथ नई दिशा की ओर कदम बढ़ाने का दिन है।

भारी मन से हृदय के गहरे घावों को याद कर विभाजन विभीषिका दिवस मनाया

पीएम मोदी ने कहा कि, आजादी का अमृत महोत्सव के दौरान उन सभी महापुरुषों को याद करने का प्रयास किया गया जिनको किसी न किसी कारण से इतिहास में जगह न मिली, या उन्हें भुला दिया गया। देश ने खोज-खोज कर हर कोने में ऐसे लोगों को याद किया नमन किया। अमृत महोत्सव के दौरान इन सभी महापुरुषों को याद किया। कल 14 अगस्त को भारत ने विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस भी बड़े भारी मन से हृदय के गहरे घावों को याद करके मनाया।

हंदुस्तान ने कई संकट झेला है

अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि, जब आजादी की लड़ाई अंतिम चरण में थी तो देश को डराने के लिए तमाम कोशिशें की गई, अंग्रेज चले जाएंगे तो देश बिखर जाएगा लेकिन उन्हें पता नहीं था कि ये हिंदुस्तान की मिट्टी है। इस मिट्टी में वो सामर्थ्य है जो शासकों से भी परे सामर्थ्य का एक अंतर प्रवाह लेकर जीता रहा है। उसी का परिणाम है। कभी अन्न का संकट झेला, युद्ध का शिकार हो गए, आतंकवाद ने चुनौतियां पैदा की। निर्दोषों को मारा गया। छद्म युद्ध चलते रहे। प्राकृतिक आपदाएं आती रही। न जाने कितने पड़ाव आए लेकिन इन सबके बीच भारत आगे बढ़ता रहा।