ऐसा लगता है कि अमेरिका चीन को न सिर्फ चिढ़ा रहा है बल्कि ये बता रहा है कि ड्रैगन कितना भी उपर उड़ ले लेकिन उसे सुपर पावर से नीचे ही रहना होगा। अमेरिका ने जो अब कदम उठाया है वो साफ तौर पर चीन के लिए चेतावनी है कि यूएस पीछे हटने वाला नहीं है। नैन्सी पेलोसी के ताइवान यात्रा के बाद चीन बुरी तरह भड़क गया और उसके क्षेत्रों में घुसकर सैन्यभ्यास करना शुरू कर दिया। ड्रैगन ने ताइवान के समुद्र और हवाई क्षेत्र के आसपास मिसाइलें दागी थीं और युद्धपोत तथा लड़ाकू विमान भेजे थे। अभी चीन को एक ही दिन हुए थे अपने सैन्यभ्यास को खत्म कि अमेरिका ने फिर अपने 5 सांसदों को ताइवान भेज दिया। ऐसे में माना जा रहा है कि चीन और भी ज्यादा बुरी तरह भड़क सकता है।
नैन्सी पेलोसी की यात्रा के 12 दिन बाद 5 अमेरिकी सांसदों का एक डेलिगेशन ताइवान पहुंचा है। इस डेलिगेशन का नेतृत्व मैसाचुसेट्स के डेमोक्रेटिक सांसद एड मार्के कर रहे हैं। ये सांसद अमेरिकी वायु सेना के बोइंग सी-40 विमान से ताइवान पहुंचे हैं। अमेरिकी सांसद राजधानी ताइपे में ताइवान के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात कर द्विपक्षीय संबंध, क्षेत्रीय सुरक्षा, व्यापार और निवेश जैसे मुद्दों पर चर्चा करेंगे। ऐसे में ड्रैगन को अब और ज्यादा करारी मिर्ची लग सकती है।
ताइवान में अमेरिकन इंस्टीट्यूट ने कहा है कि, पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व मैसाचुसेट्स के डेमोक्रेटिक सांसद एड मार्के कर रहे हैं और एशिया की यात्रा के तहत रविवार और सोमवार को ताइवान में हैं। प्रतिनिधिमंडल के सदस्य अमेरिका-ताइवान संबंधों, क्षेत्रीय सुरक्षा, व्यापार, निवेश और अन्य मुद्दों पर चर्चा करने के लिए वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करेंगे।
नैन्सी पेलोसी की यात्रा के समय चीन ने ताइवान के ऊपर से कई मिसाइलों को फायर किया था। यहां तक कि, आए दिन चीनी लड़ाकू विमान ताइवान की वायुसीमा में घुसपैठ कर रहे हैं। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि चीन ताइवान के खिलाफ कोई आक्रामक कार्रवाई कर सकता है। क्योंकि चीनी युद्धपोत और पनडुब्बियां अब भी ताइवान के चारों ओर गश्त लगा रही हैं।