प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 75वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लालकिले की प्राचीर से 83 मिनट के अपने संबोधन में देश के गुमनाम क्रांतिकारियों को नमन करते हुए 75 साल की विकास यात्रा का जिक्र कर 2047 तक के लक्ष्य के बारे में बता दिया। उन्होंने अगले 25 वर्षों में विकसित भारत, गुलामी की सोच से मुक्ति, विरासत पर गर्व, एकता और एकजुटता के साथ ही नागरिकों को अपने कर्तव्य पालन के पंच प्रण का आह्वान किया। सिर्फ इतना ही नहीं उन्होंने भ्रष्टाचार और परिवारवाद के खिलाफ भी बोला। जिसके बाद माना जा रहा है कि, भ्रष्टाचारियों के खिलाफ सरकात सख्त कदम उठाने वाली है। इस 83 मिनट के भाषण में पीएम मोदी ने खई तरह का संकेत दिया है। भ्रष्टाचार देश को दिमक की तरह चाट रहा है, ऐसे में इनके खिलाफ सरकार न सिर्फ सख्त कदम उठाने वाली है बल्कि कुछ ऐसा भी करने वाली है जिसके चलते आने वाले सालों में लोग भ्रष्टाचार करने के बारे में सोच भी नहीं सकते। आईए जानते हैं पीएम मोदी ने अपने संबोधन में क्या-क्या संकेत दिया।
देश को लूटने वाले बच नहीं पाएंगे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब तक भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारी के खिलाफ नफरत का भाव पैदा नहीं होता है या सामाजिक रूप से उसे नीचा देखने के लिए मजबूर नहीं किया जाता, तब तक यह मानसिकता खत्म नहीं होने वाली है। उन्होंने इसे अपनी संवैधानिक और लोकतांत्रिक जिम्मेदारी बताते हुए इस लड़ाई में देशवासियों का समर्थन भी मांगा। उन्होंने कहा कि, इन दोनों विकृतियों का अगर समय रहते समाधान नहीं किया गया तो यह विकराल रूप ले सकती हैं। पीएम मोदी ने कहा कि, कई लोगों को जेलों में जीने के लिए मजबूर करके रखा हुआ है। हमारी कोशिश है कि जिन्होंने देश को लूटा है, उनको लौटना पड़े, वह स्थिति हम पैदा करेंगे। वे अब बच नहीं पाएंगे… इस मिजाज के साथ भ्रष्टाचार के खिलाफ एक निर्णायक कालखंड में हिंदुस्तान कदम रख रहा है।
भ्रष्टाचार के खिलाफ पूरी ताकत से लड़ना है
एक बात तो साफ है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भ्रष्टाचारियों को छोड़ने वाले नहीं है। उन्होंने कहा कि, भारत जैसे लोकतंत्र में जहां लोग गरीबी से जूझ रहे हैं, तब यह देखने को मिलता है कि एक तरफ वे लोग हैं जिनके पास रहने के लिए जगह नहीं है और दूसरी तरफ वे लोग हैं, जिनके पास अपना चोरी किया हुआ माल रखने के लिए जगह नहीं है। यह स्थिति अच्छी नहीं है इसलिए हमें भ्रष्टाचार के खिलाफ पूरी ताकत से लड़ना होगा। उन्होंने बताया कि, पिछले 8 वर्षों में डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर (यानी सीधे लाभार्थी के खाते में पैसा पहुंचने की स्कीम) का उपयोग करते हुए 20 लाख करोड़ रुपये गलत हाथों में जाने से बचाया गया और उसे देश की भलाई के काम में लगाने में सरकार सफल हुई। इतना ही नहीं, जो लोग पिछली सरकारों में बैंकों को लूट कर भाग गए थे, उनकी संपत्तियां जब्त करके वापस लाने की कोशिशें जारी हैं।
देश को लूटने वालों को नहीं छोड़ेंगे
पीएम मोदी ने भ्रष्टाचारियों के खिलाफ बोलते हुए कहा कि, कई लोगों को जेलों में जीने के लिए मजबूर करके रखा हुआ है, हमारी कोशिश है कि जिन्होंने देश को लूटा है, उनको लौटना पड़े, वह स्थिति हम पैदा करेंगे। वे अब बच नहीं पाएंगे…इस मिजाज के साथ भ्रष्टाचार के खिलाफ एक निर्णायक कालखंड में हिंदुस्तान कदम रख रहा है। उन्होंने कहा कि, देश को भ्रष्टाचार दीमक की तरह खोखला कर रहा है और उन्हें इसके खिलाफ लड़ाई तेज करनी है और इसे निर्णायक मोड़ पर लेकर जाना ही है। मेरे 130 करोड़ देशवासी, आप मुझे आशीर्वाद दीजिए, मेरा साथ दीजिए, मैं आज आपसे साथ मांगने आया हूं, आपका सहयोग मांगने आया हूं, ताकि मैँ इस लड़ाई को लड़ सकूं और इस लड़ाई में देश की जीत हो।
भ्रष्टाचारियों के प्रति उदारता देश को शोभा नहीं देता
उन्होंने कहा कि, देश में आज भ्रष्टाचार के खिलाफ नफरत दिखती है लेकिन कई बार भ्रष्टाचारियों के प्रति उदारता भी दिखाई जाती है जो किसी भी देश को शोभा नहीं देता है। कई लोग तो इस हद तक चलते जाते हैं कि अदालत से सजा हो चुकी हो, भ्रष्टाचार सिद्ध हो चुका हो, जेल जाना तय हो चुका हो, जेल की सजा काट रहे हैं, इसके बावजूद लोग उनका महिलमामंडल करने में लगे रहते हैं। उनकी शान-शौकत में लगे रहते हैं, उनकी प्रतिष्ठा बनाने में लगे रहते हैं। जब तक समाज में गंदगी के प्रति नफरत नहीं होती है, स्वच्छता के प्रति चेतना भी नहीं जागती है। इसी तरह जब तक भ्रष्टाचार के प्रति नफरत का भाव पैदा नहीं होता है. सामाजिक रूप से उसे नीचा देखने के लिए मजबूर नहीं किया जाता, तब तक यह मानसिकता खत्म नहीं होने वाली है। इसलिए भ्रष्टार और भ्रष्टाचारियों के प्रति भी हमें बाहतु जागरूक होने की जरूरत है।
भाई-भतीजावाद और परिवारवाद को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि, परिवारवाद हमारी अनेक संस्थाओं को अपने में लपेटे हुए है और उसके कारण मेरे देश की प्रतिभा को नुकसान होता है। देश के सामर्थ्य का नुकसान होता है, भ्रष्टाचार का एक कारण परिवारवाद भी बन जाता है। जब तक इसके खिलाफ नफरत पैदा नहीं होगी तब तक हम संस्थाओं को नहीं बचा पाएंगे।
तो क्या कानून लाने की तैयारी में है सरकार?
लालकिले की प्राचीर से भ्रष्टाचार और परिवारवाद से निपटने के लिए जिस तरह से पीएम मोदी ने देशवासियों से सपोर्ट मांगा है उसे देखकर लगता है कि, जल्द ही केंद्र सरकार कोई सख्त कानून लाने वाली है। ऐसा लगता है कि, आने वाले दिनों में परिवारवाद और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए सख्त एंटी करप्शन लॉ जैसा कानून या मसौदा लाया जा सकता है। या ऐसा भी हो सकता है भ्रष्टाचार में फंसे परिवार का कोई भी सदस्य राजनीति में नहीं उतर सकता या फिर अन्य सुविधाओं से उसे काट दिया जाएगा। माना जा रहा रहा है कि, सरकार ने पूरी तैयारी अपनी पहले से ही कर ली है। अब इसे सिर्फ अमल करना है।
बड़े एक्शन की तैयारी में है केंद्र सरकार
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने उन चंद लोगों की ओर भी इशारा किया जो नेता का सपोर्ट करने के लिए भ्रष्टाचार के सामने आंखें बंद कर लेते हैं। पीएम मोदी अपने पहले कार्यकाल की शुरुआत से ही भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने की प्राथमिकता देते आ रहे हैं। नीरव मोदी, मेहुल चोकसी, विजय माल्य जैसे मामालों में सरकार ने सख्त रवैया अपना। या फिर मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों पर सरकार की कार्यवाई तो जनता खुद देख रही है। बंगाल में नोटों से भरा तहखाना देख जनता आक्रोश में है। मोदी सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ काफी ज्यादे सख्त है इसमें कोई दो राय नहीं है। पिछले ही साल यह देखने को मिल गया था कि, भगोड़े आर्थिक अपराधियों की संपत्ति जब्त करने का अधिकार सरकार ने एजेंसियों को दे दिया। ब्लैक मनी रोकने के लिए सख्त कदम उठाए गए हैं।
सोनिया गांधी और राहुल गांधी को लेकर और सख्त होगी सरकार
भ्रष्टाचारियों को किसी भी कीमत पर छोड़ा नहीं जाएगा। ये लोग देश को दिमक की तरह चाट रहे हैं, कई लोग इनके समर्थन में आंख बंद कर लेते हैं। पीएम मोदी की ये बाते कहीं कांग्रेस अध्यक्ष सोनायि गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की ओर तो नहीं। क्योंकि, दोनों ही लोगों के खिलाफ नेशनल हेराल्ड केस में मनी लॉन्ड्रिंग केस चल रहा है। इन्हें जब ईडी ने पूछताछ के लिए बुलाया को कांग्रेस कार्यकर्ता सड़कों पर आ गए। पूरे देश में प्रदर्शन हुआ। उधर महाराष्ट्र में शिवसेना के राज्यसभा सांसद और पार्टी के चाणक्य कहे जाने वाले संजय राउत जमीन घोटाले में गिरफ्तार हो चुके हैं। बांगाल में पार्थ चटर्जी समेत कई बड़े नेता काल कोठरी में बंद हैं। ऐसे में साफ है कि केंद्र की मोदी सरकार किसी को छोड़ने वाली नहीं है।