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China Heatwave: चीन पर कुदरत का कहर, बिजली-पानी का संकट, नदियां सूखीं

China is fighting an unprecedented heatwave

जीरो कोविड पॉलिसी और कई अन्य कारणों से आर्थिक सुस्ती में फंसे चीन में अब भीषण गर्मी (China Heatwave) का प्रकोप देखने को मिल रहा है। आलम यह है कि लोगों को जीवन बुरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। चीन की नदियां सूख रही हैं। यहां तक भीषण गर्मी के चलते चीन बहुत बड़े बिजली संकट (China Heatwave) में फंस गया है। जिसके चलते सैकड़ों कंपनियों को तत्काल अपना प्रोडक्शन बंद करने के लिए कहा गया है। चीन के दक्षिणी-पश्चिम क्षेत्र में प्रचंड गर्मी पड़ रही है, जिसके चलते सैकड़ों कंपनियों को पहले ही अस्थाई तौर पर बंद कर दिया गया, ताकि आवासीय क्षेत्रों में बिजली सप्लाई की जा सके, लेकिन अब बड़ी कंपनियों को भी अपना प्रोडक्शन बंद करने के लिए कहा गया है, ताकि बिजली बचाया जा सके। इसके साथ ही चीन के दक्षिण पश्चिमी हिस्से में भीषण गर्मी (China Heatwave) और सूखे की वजह से झाड़ियों में आग लग गई। जिसके बाद 1500 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित जगह पर पहुंचाया गया है।

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चीन ने फैक्ट्रियों में होने वाली बिजली कटौती की मिंयाद बढ़ा दी है। इसके साथ ही महानगर चोंगकिंग में कुछ मॉल बंद किए गए हैं। एक रिपोर्ट में बताया गया है कि, सूखे और गर्मी की वजह से फसलें प्रभावित हुई हैं और प्रमुख नदी यांगत्ज़े भी सूख रही है जिससे जलमार्ग से होने वाला यातायात बाधित हुआ है और जलविद्युत बांध से बिजली की आपूर्ति घटी है जबकि एयर कंडीशन चलाने के लिए बिजली की मांग बढ़ी है। सरकारी मीडिया की ओर से कहा गया है कि, सरकार बारिश की कोशिश करने के लिए बादलों में रसायन का छिड़काव करने की तैयारी में है ताकि शरद ऋतु के अनाज की फसल को बचाया जा सके। सिचुआन प्रांत में बिजली कटौती की मियाद बढ़ाने को लेकर कोई सार्वजनिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन एक कपंनी के बयान और एक खबर में सरकारी नोटिस के हवाले से कहा गया है कि बिजली कटौती की मियाद बढ़ाई गई है।

चीन में ऊर्जा संकट के चलते चोंगकिंग के इलाकों में झाड़ियों में आग लग गई। जिसके बाद 1500 से ज्यादा निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है। जबकि करीब पांच हजार असैन्य और सैन्य कर्मियों को आग को बुझाने के काम पर लगाया गया है। आग बुझाने के लिए हेलीकॉप्टर से पानी का छिड़काव कराया गया है। बता दें कि, चीन में पिछले साल की तुलना में इस बार जुलाई में 40 फीसदी कम बारिश हुई है जो 1961 के बाद से सबसे कम है। वहीं, गर्मी बढ़ने से चीन में एयर कंडीशनिंग की डिमांड में जबरदस्त उछाल देखने को मिला है जिसके चलते पावर ग्रिड पर अतिरिक्त लोड पड़ रहा है।

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यूरोप के बाद भीषण गर्मी चीन पर कहर बनकर टूट पड़ी है। आलम यह है कि, यहां कि नदियां तक सूखने लगी है। चीन के जल संसाधन मंत्रालय की ओर से प्रकाशित आंकड़ों में बताया गया है कि, यांग्त्ज़ी नदी के ऊपरी हिस्सों में जलस्तर अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। चीन की यांग्त्ज़ी नदी न सिर्फ प्रमुख जल स्रोत है बल्कि हाइड्रोपावर, ट्रांसपोर्ट और फसलों के लिए भी जीवनदायिनी है।