आज का बांग्लादेश (Bangladesh) 15 अगस्त 1947 तक संयुक्त भारत का ही हिस्सा था। अंग्रेजों की कुटिल सियासत, मुहम्मद अली जिन्नाह की नापाक मंशा और नेहरू-गांधी की अदूरदर्शिता ने पूर्वी बांग्लादेश को पहले पूर्वी पाकिस्तान और फिर 1971 में आजाद मुल्क बांग्लादेश (Bangladesh) बनने पर विवश कर दिया। बंटबारे के समय जितनी हिंसा सिंध और पंजाब में हुई, उससे कम बंगाल में नहीं हुई। बांग्लादेश (Bangladesh) में तो मानव कंकालों का पूरा म्यूजियम है। जो पाकिस्तानियों के जुल्म और सितम की याद दिलाता है।
बांग्लादेश में पाकिस्तानी आईएसआई एजेंट
बांग्लादेश (Bangladesh) की पीएम शेख हसीना भारत के चार दिनों के दौरे पर आई हैं। बांग्लादेश (Bangladesh) में अल्पसंख्यकों के साथ पाकिस्तान से भी बदतर व्यवहार किया जाता है। इसके लिए पीएम शेख हसीना नहीं बल्कि बांग्लादेश के विपक्षी दल और बांग्लादेश में भेष बदल कर रहने वाले पाकिस्तानी आईएसआई एजेंट जिम्मेदार हैं। जो स्थानीय बांग्लादेशी मुसलमानों को इस्लाम के नाम पर आसानी से बरगला देते हैं।
कट्टरवाद के खिलाफ शेख हसीना सरकार भारत के साथ
बांग्लादेश की शेख हसीना सरकार ने धर्मनिरपेक्ष तो घोषित नहीं किया है लेकिन कोशिश करती हैं कि हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार न हों। मुस्लिम कट्टरवाद के खिलाफ शेख हसीना की सरकार भारत के साथ खड़ी दिखाई भी देती है। मगर सच्चाई यह भी है कि उनकी लाख कोशिशों के बावजूद बांग्लादेश के कट्टरपंथी मुसलमान और आतंकी गुट, हिंदुओं की नृशंस हत्या कर रहे हैं। हिंदुओँ के बाजारों और घरों को फूंक रहे हैं, मठ मंदिरों को भ्रष्ट और ध्वस्त कर रहे हैं।
अंतरिक्ष और परमाणु क्षेत्र में परस्पर सहयोग
बांग्लादेश (Bangladesh) की पीएम शेख हसीना के भारत दौरे का मंगलवार को दूसरा दिन है। पीएम मोदी के बीच बातचीत हो चुकी है। जिसके बाद संयुक्त बयान भी आ चुका है। सात मुद्दे-समझौतों पर हस्ताक्षर हुए हैं। लेकिन असली बात बांग्लादेश को चीनी कर्ज के जाल से मुक्ति दिलाना और बांग्लादेश में भारतीय हितों के साथ हिंदुओँ के प्रति हिंसा पर रोक लगाना है। शेख हसीना के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता में पीएम मोदी ने कहा कि दोनों देशों का द्विपक्षीय सहयोग काफी ज्यादा है। अंतरिक्ष और परमाणु क्षेत्र में भी दोनों देश सहयोग बढ़ाएंगे।
आपसी विश्वास पर आघात करने वालों से सावधान
मोदी ने बांग्लादेश को आगाह करते हुए कहा कि वे आघात करने वाली शक्तियों से सावधान रहें। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, हमने आतंकवाद और कट्टरवाद के खिलाफ सहयोग पर भी जोर दिया। 1971 के साहस को जीवंत रखने के लिए भी यह बहुत आवश्यक है कि हम ऐसी शक्तियों का मिल कर मुकाबला करें, जो हमारे आपसी विश्वास पर आघात करना चाहती हैं। प्रधानमंंत्री ने कहा, हमने कुशियारा नदी से जल बंटवारे पर एक महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इससे भारत में दक्षिणी असम और बांग्लादेश में सिलहट क्षेत्र को लाभ होगा। ऐसी 54 नदियाँ हैं जो भारत-बांग्लादेश सीमा से गुजरती हैं और सदियों से दोनों देशों के लोगों की आजीविका से जुड़ी रही हैं। ये नदियाँ, इनके बारे में लोक-कहानियां, लोक-गीत, हमारी साझा सांस्कृतिक विरासत के भी साक्षी रहे हैं।
सकारात्मक प्रस्ताव और सहयोग की अपेक्षा
शेख हसीना ने इसी मौके पर मीडिया के तमाम सवालों का जवाब देते हुए कहा कि भारत आत्मनिर्भरता दिशा में भारत आगे बढ़ रहा है। मैं अगले 25 वर्षों के लिए अमृत काल की नई सुबह के लिए भारत को अपनी शुभकामनाएं देती हूं। उन्होंने कहा, मैं इस अवसर पर भारत सरकार को आजादी का अमृत महोत्सव के सफल समापन की भी बधाई देना चाहती हूं, जो भारत की आजादी के 75 वें वर्ष को चिह्नित करने के लिए वर्ष भर चलने वाला उत्सव है। मैं भारत लगभग 3 साल के बाद आ रही हूं, मैं भारत का धन्यवाद करती हूं और हमारे बीच आगे एक सकारात्मक प्रस्तावों की अपेक्षा करती हूं।
इससे पहले शेख हसीना का राष्ट्रपति भवन प्रांगण में भव्य स्वागत किया गया। उन्हें भारतीय सेनाओं की संयुक्त टुकड़ी ने सलामी गारद पेश किया। शेख हसीना ने दिल्ली स्थित निजामुद्दीन औलिया की दरगाह के दर्शन किए। गुरुवार को वो अजमेर भी जाएंगी।