नामीबिया से 8 विदेशी चीते (Cheetah) आज यानी 17 सितम्बर को भारत के ग्वालियर में दस्तक दे चुकें हैं। श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में उनका पुनर्वास होगा। खास बात पीएम मोदी के जन्मदिन के खास अवसर पर चीतों का आगमन हुआ है। फिलहाल, चीतों को नामीबिया से भारत लाए जाने के बीच ये जमकर चर्चा का विषय बने हुए हैं कि चीते और तेंदुए (cheetah Vs Leopard) में क्या अंतर होता है। क्योंकि, दोनों देखने में एक जैसे ही लगते हैं। तो आइये आपको बताते हैं दोनों के बीच आखिर क्या फर्क होता है और इसकी हम कैसे पहचान कर सकते हैं?
ऐसे पहचाने चीते और तेंदुए के बीच अंतर
चीते के तेंदुओं की तुलना में कंधे लंबे होते हैं। ये तेंदुए से ऊंचे नजर आते हैं। चीते का वजन औसतन 72 किलोग्राम होता है। चीता 120 किलोमीटर प्रति घंटे हिसाब से दौड़ सकते हैं। वहीं, तेंदुए बड़ी बिल्लियों में सबसे छोटे होते हैं, हालांकि ये चीतों की तुलना में अधिक भारी और मजबूत होते हैं। तेंदुए का वजन 100 किलोग्राम तक होता है। चीते की तुलना में तेंदुए अधिक मांसल बिल्लियां होते हैं। तेंदुए अपनी अत्यधिक ताकत का इस्तेमाल शिकार पर घात लगाकर उसको पकड़ने में करते हैं। तेंदुए अपने भोजन की रक्षा के लिए शिकार को मारने के बाद पेड़ पर ले जाते हैं।
इन दोनों की खाल में होता है ये फर्क
बता दें, इन दोनों की खाल में भी अंतर होता है। जहां चीते की खाल हल्के पीले और ऑफ व्हाइट कलर की होती है। तो वहीं तेंदुए की खाल पीले रंग की होती है। चीते की खाल पर गोल या अंडाकार काले धब्बे होते हैं। तो वहीं तेंदुए की खाल पर धब्बों का आकार फिक्स नहीं होता है।
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इनके पंजों में भी होता है फर्क
चीता और तेंदुए के पंजों में भी काफी अंतर होता है। चीते के पंजे तेज स्पीड से दौड़ने के हिसाब से होते हैं। पिछले पैर आगे की तुलना में बड़े और मजबूत होते हैं जिससे वे स्पीड से दौड़ सकें। चीते के पंजे सिकुड़ते नहीं हैं क्योंकि उनको दौड़ते समय तेजी से घूमना होता है। वहीं तेंदुए के आगे के पैर पीछे के मुकाबले बड़े होते हैं। इसकी वजह से वो शिकार को खींचकर आसानी से पेड़ पर ले जाते हैं। शिकार को पंजा मारते समय भी उनके बड़े पैर काम आते हैं।