बेशक चीन और भारत (China-India) के बीच लंबे वक्त से डोकलाम में बनी सीमा को लेकर विवाद चल रहा हो मगर चीन और भारत का रिश्ता बहुत ही अनोखा है। जहां चीन भारत की चाय के बिना नहीं रह सकता वहीं भारत भी कुछ पीछे नहीं और वह चीन के इलोक्ट्रोनिक आइटम्स का इस्तेमाल किए बगैर रह पाना मुश्किल है। यही नहीं दोनों देशों में एक दूसरे के नागरिकों आना जाना और रहना भी बेहद आम है। भले ही सीमा पर हालात कितने मर्जी गंभीर क्यों नहीं हैं चीन और भारत में रहने वाले एक दूसरे के देश के नागरिकों को कभी किसी तरह की पेरेशानी का सामना नहीं करना पड़ता। वैसे भारत में तो एक जगह ऐसी भी है, जहां पर सिर्फ चाइनीज ही रहते हैं। इस जगह को लोग चाइना टाउन के नाम से जानते हैं। यह जगह वैस्ट बंगाल की राजधानी कोलकाता में है।
खैर, इन दिनों देशभर में नवरात्रि के त्योहार की जमकर रौनक देखने को मिल रही है। लोग मैया रानी की भक्ति में लीन हो रखे हैं। इस खास मौके पर मंदिरों को बहुत अच्छे से सजाया गया है। वहीं, सार्वजनिक जगहों पर पंडाल लगाए गए हैं। खासकर, पश्चिम बंगाल के कोलकाता में मां दुर्गा की पूजा भव्य तरीके से की जाती है। कोलकाता में एक ऐसा मंदिर है जहां पर मां को नूडल्स का भोग लगाया जाता है। इस मंदिर का0 निर्माण चीन के लोगों ने करवाया था। हिंदू धर्म में काली माता को क्रोध का प्रतीक माना जाता है लेकिन कोलकाता में स्थित काली मंदिर उदारता का प्रतीक माना गया है। इस मंदिर के बारे में सबकुछ जानते हैं।
यहां चाइनीज करते हैं मां काली की पूजा
भारत में कई ऐसे धार्मिक स्थल मौजूद हैं जिनसे जुड़ी हुई रोचक बातें उन्हें बाकियों से काफी अलग हो जाती है। पश्चिम बंगाल के कोलकाता (Kolkata) में एक ऐसा मंदिर मौजूद है जिसे चाइनीज काली मंदिर कहा जाता है। खास बात है कि यहां नूडल्स वाला प्रसाद दिया जाता है। इस मंदिर की देखरेख यहां मौजूद चीनी समुदाय द्वारा की जाती है। कोलकाता के टेंगरा में मौजूद चाइनीज काली बाड़ी को चाइनाटाउन ऑफ इंडिया के रूप में जाना जाता है। वैसे टेंगरा में बौद्ध और ईसाई रीति-रिवाजों का ज्यादा पालन किया जाता है।
नवरात्रि के दौरान यहां काली पूजा की अलग ही रौनक रहती है। कहते हैं कि इस मंदिर को साल 1998 में तैयार किया गया था। यह मंदिर कोलकाता से करीब 12 किमी दूर टांग्रा शहर में है। यहां अधिकतर चीनी लोग रहते हैं इसलिए यह जगह चाइना टाउन के नाम से मशहूर है।
भक्तों को दिया जाता है नूडल्स का प्रसाद
कहा जाता है कि यहां मां दुर्गा के रूप काली की पूजा के लिए चीनी समुदाय जमा हुआ और एक समय पर सभी ने पेड़ के नीचे पूजा शुरू की थी। आज ये एक चर्चित मंदिर के रूप में जाना जाता है। इस मंदिर में नूडल्स को प्रसाद के रूप में भक्तों को दिया जाता है। यही वजह इसे बाकी मंदिरों से काफी अलग बनाती है। इस मंदिर में जो भक्त आते हैं वे मंदिर के भीतर हाथ से बने एक पेपर को जलाते हैं। ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से जीवन में सकारात्मकता आती है और बुरी आत्माएं उनसे दूर रहती हैं। घर में सुख-समृद्धि आती है। ये मंदिर अपने अनोखेपन के कारण विश्व भर में काफी चर्चित है।