Bihar Politics: कहा जाता है कि केंद्र का रास्ता बिहार और उत्तर प्रदेश (Bihar Politics) से होकर जाता है। यानी कि बिहार और यूपी में जिसकी जीत हुई वही केंद्र में बैठेगा। बीजेपी ने दोनों ही जगहों से जीत हासिल किया। लेकिन, नीतीश कुमार ने बीच में ही धोखा दे दिया और तेजस्वी यादव से हाथ मिला बैठे। लेकिन, बीजेपी धोखा देकर जितना नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव खुश हैं आने वाले दिनों में उतना ही ये रोने वाले हैं। क्योंकि, मोकामा में 27 साल बाद बीजेपी ने चुनाव लड़ा और यहीं से साफ हो गया कि, बिहार (Bihar Politics) की जनता किसे चाहती है। इतने सालों बाद चुनाव लड़ने वाले बीजेपी के पाले में 63 हजार वोट आए हैं। ऐसे में विपक्षियों की खटिया खड़ी होती नजर आ रही है। नीतीश और तेजस्वी दोनों मिलकर BJP को रोकने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। लेकिन, BJP का प्लान C इन दोनों की ही रातों की नींद उड़ा चुका है।
डूबते चिराग का सहारा बनी बीजेपी
बीजेपी ने न केवल अपने नाराज हनुमान को मनाया बल्कि वोटरों को साधने के मोर्चे पर लगा दिया। मोदी के इस हनुमान यानी चिराग पासवान के साथ ने बीजेपी की नैया पार लगा दी। बीजेपी का यह प्रयोग नीतीश और लालू के लिए बड़ी चुनौती साबित हुआ है’। बीजेपी का ये प्लान सी बिहार में नीतीश और तेजस्वी के रातों की नींदे छिने हुये है।
चिराग के ऊपर बीजेपी के हाथ रखते ही डगमाई विपक्ष
गोपालगंज जैसी परंपरागत सीट पर बीजेपी ने 2 हजार वोट से जीत हासिल किया। दरअसल, शुरुआती दौर में पासवान जाति के वोट आरजेडी उम्मीदवार के पक्ष में थे, लेकिन बीजेपी ने चिराग पासवान के ऊपर जैसे ही हाथ रखा विपक्ष का सारा खेल बिगड़ गयाय़। गोपालगंज में चिराह पासवान ने जब रोड शो किया तो साफ नजर आया कि बीजेपी में आने के बाद लोगों ने उनके प्रति कितना भरोसा दिखाया ये देखते बन रहा था।
बीजेपी ने बदल दिया मोकामा के हवा की रूख
उपचुनाव परिणाम आने के बाद महागठबंधन नेताओं से अधिक खुशी बीजेपी नेताओं में है। क्योंकि, लगभग 27 साल बाद मोकामा विधानसभा सीट से बीजेपी चुनाव लड़ रही थी। एक तरह से कह सकते हैं बीजेपी नीतीश कुमार को उनके घर में चुनौती दे रही थी। मोकामा कभी बाढ़ संसदीय क्षेत्र में आता था। नीतीश कुमार लंबे समय तक बाढ़ से सासंद रह चुके हैं। ऐसे में मोकामा जैसी सीट पर उसे लगभग 63 हजार वोट आये। मोकामा में पहली दफे चुनाव लड़ रही बीजेपी 63 हजार वोट लाकर अपनी जीत बता रही है और महागठबंधन सरकार की हार।
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आखिरी दिन लगाया दाव
मोकामा में भी बीजेपी ने अपने हनुमान चिराग पासवान को जनता के सामने जाने का मौका दिया। मोकामा में जब चुनाव प्रचार आखिरी दौर में था। आखिरी दिन था, तो बीजेपी ने चिराग पासवान को चुनावी मैदान में उतारा और रोड शो किया। चिराग के रोड शो में उमड़ी भीड़ ने मतदान से दो दिन पहले ही माहौल बदल दिया। पासवान वोटरों के साथ-साथ अन्य तबके के वोटरों को भी लगने लगा कि नीतीश और तेजस्वी के हाथ में सत्ता जाने का मतलब अंधेरा ही मिलेगा औऱ कुछ नहीं। जनता के इसी भरोसे से मोकामा से बीजेपी 63 हजार वोट लाने में सफल रही।
आने वाले दिनों में बिहार को मिल सकता है युवा नेता
इस चुनाव ने नीतीश और तेजस्वी के लिए साफ कर दिया है कि, आगे की राह उनके लिए बेहद ही मुश्किल होने वाली है। महागठबंधन में शामिल जेडीयू, आरजेडी, कांग्रेस, हम, माले, सीपीआई और सीपीएम शामिल हैं। मतलब समझिए कि सिर्फ एक पार्टी भाजपा को हराने के लिए सात पार्टियां शामिल हैं और इसके बाद भी इनको सत्ता खोने का डर सताने लगा है। बिहार में आने वाले दिनों में चिराग पासवान को बीजेपी बड़े चेहरे के रूप में तैयार कर सकती है। यानी आने वाले दिनों में बिहार को एक युवा मुख्यमंत्री मिल सकता है।