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आनंद मोहन के बहाने, MY समीकरण पर निशाना!

आनंद मोहन के रिहाई का आदेश

बिहार में पूर्व सांसद औऱ बाहुबली नेता आनंद मोहन की रिहाई मामले में सियासत गर्मा गयी है। बिहार में मौजूदा विपक्षी पार्टी बीजेपी जहां रिहाई के जरिए आरजेडी पर MY समीकरण को साधने का आरोप लगाया है,वहीं जेडीयू ने बंदियों की रिहाई में MY फैक्टर के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है।

प्राप्त सूचना के मुताबिक बुधवार को सहरसा जेल में आनंद मोहन सरेंडर करेंगे। अभी वो पैरोल पर जेल से बाहर हैं। माना जा रहा है कि जेल पहुंचने के बाद उनकी रिहाई की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी ।ख़बर तो ये भी है कि बाहुबली नेता आनंद मोहन बुधवार रात जेल में बिता सकते हैं।

बता दें कि दो दिन पहले नीतीश सरकार की ओर से आनंद मोहन समेत कुल 27 कैदियों की रिहाई का आदेशी जारी किया गया था। आनंद मोहन का पेरोल बुधवार को समाप्त हो रही है। ऐसे में आनंद मोहन को बुधवार रात तक जेल में सरेंडर करना होगा। हालांकि जेल अधिकारियों को आनंद मोहन की रिहाई का आदेश पहले ही प्राप्त हो चुका है।

बीजेपी के आरोपों के बाद जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा है कि जेल से रिहा होने वालों में सभी जाति और वर्गों के बंदी शामिल हैं। वहीं नीरज कुमार ने बीजेपी के पाले में गेंद डालते हुए कहा कि बीजेपी पहले आनंद मोहन की रिहाई पर स्टैंड साफ करे। बीजेपी के नेता अलग–अलग बयान दे रहे हैं। उन्होंने कहा, सुशील मोदी ने आनंद मोहन की रिहाई की मांग की थी। साथ ही तेजस्वी यादव के बयान का समर्थन भी किया था। रिहाई का फैसला कोर्ट और परिहार बोर्ड के निर्णय के बाद लिया गया है। नीतीश कुमार के लिए लॉ एंड ऑर्डर कल भी प्राथमिकता थी और आज भी है।

हालांकि रिहाई मामले में नीतीश सरकार की जल्दबाजी में लिए गए फैसले की कलई खुल गई है। आनंद मोहन को रिहा करने की जल्दबाजी में बिहार सरकार से बड़ी चूक हो गई है। आनंद मोहन समेत जिन 27 बंदियों को रिहा करने का फैसला लिया गया है,उसमें से 1 बंदी की पहले ही मौत हो चुकी है।

बक्सर जेल के कारा अधीक्षक राजीव कुमार का कहना है कि बक्सर जेल में बंदी रहे पतिराम राय की मौत हो चुकी है। नवंबर 2022 में ही इलाज के दौरान पतिराम राय की मौत हो गई। बक्सर जेल में बंद कुल 5 बंदियों को रिहा करने का आदेश जारी हुआ था। रिहा होने वाले कैदियों में किशन देव राय, जितेंद्र सिंह, राजबल्लभ यादव और रामाधार राय शामिल हैं।

आनंद मोहन गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया हत्याकांड में उम्रकैद की सजा हुई थी. इसके बाद वो करीब 16 वर्ष से जेल में बंद हैं। उनके उपर भीड़ को उकसाने का भी आरोप लगा था।

हालांकि मृतक डीएम जी कृष्णैया की पत्नी ने पीएम मोदी और सुप्रीम कोर्ट से मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है। और आनंद मोहन के रिहाई का विरोध कर रही हैं।