सत्ता से बेदखल होने के बाद से पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) बौखलाए हुए हैं और आए दिन शाहबाज सरकार और पाकिस्तान फौज को घेरने की कोशिश कर रहे हैं। इमरान खान इसके लिए जमकर पाकिस्तान में अलग-अलग जगहों पर रैलियां कर रहे हैं। इन्हीं रैलियों में वो अपने बयान को लेकर सिर्फ पाकिस्तान ही नहीं बल्कि दुनियाभर में चर्चा में छाए हुए हैं। यही नहीं सत्ता से हटाए जाने के बाद बौखलाए इमरान ने इसे विदेशी साजिश करार दिया था, मगर जिस अमेरिका की तरफ वे उन्हें पाकिस्तान की गद्दी से हटाने के इशारे करते रहे है आज उसी के साथ बेहतर संबंध बनाने की कोशिश में करते दिख रहे है। दरअसल, पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के बदले सुर का कारण पाकिस्तान में होने वाले आम चुनाव है पूर्व PM का कहना है कि वह अमेरिका के साथ संबंधों को सुधारना चाहते हैं। उन्होंने अमेरिका पर पाकिस्तान के साथ ‘गुलामों’ जैसा बर्ताव करने का आरोप भी लगाया।
इमरान खान के फिर बदले सुर
पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि वह अब उन्हें सत्ता से हटाए जाने के लिए अमेरिकी प्रशासन को दोष नहीं देते। उन्होंने कहा कि अमेरिका के साथ हमारा संबंध मालिक और नौकर की तरह है। पाकिस्तान को किराये की बंदूक की तरह इस्तेमाल किया गया। पूर्व प्रधान मंत्री जिन्होंने लगातार इस नारे का काफी प्रचार किया है कि एक विदेशी साजिश के कारण उन्हें हटा दिया गया। अब इमरान कहते हैं कि वह वाशिंगटन और इस्लामाबाद के बीच एक अच्छे संबंध चाहते हैं।
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फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, कथित साजिश में अमेरिका की भूमिका पर अपनी पुरानी टिप्पणियों का हवाला देते हुए इमरान खान ने कहा है, ‘जहां तक मेरा सवाल है, यह खत्म हो गया है, यह मेरे लिए अब पुरानी बात है।’ इमरान आगे कहते हैं, ‘अमेरिका के साथ हमारा संबंध एक मालिक-नौकर की तरह है। हमें किराए की बंदूक की तरह इस्तेमाल किया गया। लेकिन इसके लिए मैं अमेरिका से ज्यादा अपनी सरकारों को जिम्मेदार ठहराता हूं।
पाक आर्मी पर क्या बोले इमरान
इमरान खान ने यह भी कहा कि सेना पाकिस्तान के लिए उनकी भविष्य की योजनाओं में रचनात्मक भूमिका निभा सकती है। नागरिक और सैन्य संबंधों में संतुलन का हवाला देते हुए इमरान ने कहा कि क्योंकि आपके पास अभी एक निर्वाचित सरकार नहीं है तो ऐसे वक्त में सेना के पास लोगो की बड़ी जिम्मेदारी है।
सरकार विरोध मार्च निकाल रहे हैं इमरान
खान पाकिस्तान के विभिन्न शहरों से इस्लामाबाद की ओर बढ़ने वाले काफिले के साथ सरकार विरोधी मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं और लक्ष्य प्राप्त न होने तक वापस नहीं लौटने पर जोर दे रहे हैं। पीटीआई प्रमुख ने तय समय से पहले आम चुनाव की तारीख की मांग की है। पिछले हफ्ते लंबे मार्च को रोक दिया गया था, क्योंकि वजीराबाद में पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या की कोशिश के तहत हमला किया गया था।