US India PM Modi G20 Summit: आज भारत की बातें दुनिया में मायने रखती हैं। भारत जो भी बोलता है जो भी कदम उठाता है उसपर दुनिया गौर करती है। ब़डे से बड़े देशों के साथ इंडिया कंधा मिलाकर चल रहा है। हर एक देश भारत से जुड़ना चाहते हैं, रिश्ता मजबूत करना चाहते हैं। आज वो समय है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पश्चिम सबसे ज्यादा तवज्जों दे रहे हैं। आधुनिकता की ओर बढ़ते भारत के साथ अमेरिका, रूस, जापान, फ्रांस से लेकर हर बड़े देश अपने रिश्ते मजबूत करने में लगे हुए हैं। रूस पर भारत के बयान और स्टैंड को लेकर पश्चिमी मीडिया कायल हो गई है। दरअसल, बाली में जी-20 देशों (US India PM Modi G20 Summit) के शिखर बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में यूक्रेन को लेकर रूस की आलोचना की गई। जहां सारे देशों ने आलोचना की तो वहीं, इस बयान में पीएम मोदी की रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को दी गई सलाह ‘आज का दौर निश्चित रूप से युद्ध का नहीं है’ को शामिल किया गया। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विनय क्वात्रा ने कहा कि पीएम मोदी का संदेश सभी प्रतिनिधियों को समझ आया और उसने विभिन्न पक्षों के बीच खाई को पाटने का काम किया। इस शिखर बैठक के बाद भारत को जी-20 (US India PM Modi G20 Summit) की मेजबानी दे दी गई। भारत साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से मात्र 6 महीने पहले सितंबर 2023 में इस शिखर बैठक को आयोजित करेगा। जी-20 में भारत (US India PM Modi G20 Summit) की इस गूंज का पश्चिमी मीडिया भी मुरीद हो गया है। यहां तक कि, अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालया वाइट हाउस ने भी पीएम मोदी और भारत के भूमिका की तारीफ की है।
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पीएम मोदी हर मायने में सफल नेता
अमेरिकी टीवी चैनल सीएनएन ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि भारत ने बहुत अच्छे से रूस और पश्चिमी देशों के साथ अपने संबंधों को संतुलित किया है। रिपोर्ट में विश्लेषकों के हवाले से कहा गया है कि पीएम मोदी एक ऐसे वैश्विक नेता के रूप में उभर रहे हैं जिन्हें सभी पक्षों का समर्थन हासिल है। पीएम मोदी जहां घरेलू स्तर पर काफी समर्थन रखते हैं, वहीं अंतरराष्ट्रीय पावर ब्रोकर के रूप में भारत की स्थिति को मजबूत कर रहे हैं। सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च के सुशांत सिंह कहते हैं कि भारत में जी-20 के सफल आयोजन का इस्तेमाल चुनाव में पीएम मोदी को एक महान वैश्विक नेता के रूप में पेश करने में किया जाएगा।
पीएम मोदी की बातें गौर से सुनते हैं पश्चिमी नेता
रिपोर्ट में बताया गया है कि, जी-20 शिखर बैठक के दौरान पीएम मोदी ने दुनियाभर के कई नताओं के साथ बैठक की। इसमें ऋषि सुनक भी शामिल थे जिन्होंने रूसी आक्रामकता की कड़ी आलोचना की। जेएनयू में अंतरराष्ट्रीय मामलों के विशेषज्ञ हप्पयमोन जैकोब कहते हैं कि पश्चिमी देशों के नेता भारत को गौर से सुन रहे हैं जो क्षेत्र में एक बड़ी ताकत है। यही नहीं भारत पश्चिम और रूस दोनों के ही करीब है। भारत का रूस के साथ संबंध कोल्ड वॉर के दिनों से ही है।
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भरत और यूरोप मिलकर चीन को करेंगे काबू में
रिपोर्ट में बताया गया है कि, भारत अत्याधुनिक रूसी हथियारों पर निर्भर है, जो चीन के साथ चल रहे तनाव के बीच बहुत जुरूरी है। ठीक इसी समय भारत चीन के उभार को चुनौती देने के लिए पश्चिमी देशों के साथ मिलकर काम कर रहा है। इससे भारत रणनीतिक रूप से बहुत मजबूत स्थिति में पहुंच गया है। जी-20 देशों की बैठक में पीएम मोदी ने यूक्रेन में जंग को रोकने और शांति की राह पर चलने की मांग की।