Pakistan Power Crisis: पाकिस्तान जिसका काम अपने मुल्क के बारे में सोचना नहीं है। बल्कि, भारत के बारे में सोचना है कि कैसे यहां पर अशांति फैलाई जाये। कैसे हिंदुओं-मुस्लिमों को भड़काया जाए। पाकिस्तान में इस वक्त कंगाली की राह पर है। मुल्क का बुरा हाल है लेकिन, अब भी उसे भारत की पड़ी है। बिलावल भुट्टों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में अभद्र टिप्पणी कर अपने गिरी हुई सोच को दर्शाते हैं। लेकिन, उन्हें अपने मुल्क में आये संकट से कोई मतलब नहीं। पाकिस्तान में इस वक्त यह हाल है कि, चारो ओर सिर्फ अंधेरा (Pakistan Power Crisis) ही छाया हुआ है। दरअसल, पाकिस्तान में भयंकर बिजली संकट (Pakistan Power Crisis) पैदा हो गया है। इस भीषण बिजली संकट के चलते पाकिस्तान में अब सिर्फ 8 बजे तक मार्केट खुलेंगी। इसके अलावा रात 10 बजे तक ही शादियां होंगी।
भयंकर बिजली संकट से पाकिस्तान में हाहाकार
नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान भीषण बिजली संकट के साथ ही महंगाई से भी जूझ रहा है। रूस-यूक्रेन और जून में आई विनाशकारी बाढ़ ने देश के ऊऱ्जा संकट को और भी ज्यादा बढ़ा दिया है। बाढ़ ने देश में कई संक्रामक बीमारियों को भी बढ़ावा दिया है जिसमें मलेरिया सबसे बड़ी मुसीबत बन गया है। राष्ट्रीय ऊर्जा-संरक्षण कार्यक्रम पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ द्वारा शुरू किया गया, और यह प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ द्वारा अधिकारियों को ऊर्जा क्षेत्र में परिपत्र ऋण कम करने का निर्देश दिए जाने के एक दिन बाद आया है। आसिफ ने कहा कि संघीय सरकार इस राष्ट्रव्यापी योजना को लागू करने के लिए प्रांतों से संपर्क करेगी। कैबिनेट की बैठक के बाद मंत्री ने मीडिया से कहा कि गुरुवार तक अंतिम फैसला लिया जाएगा।
चौतरफा मुसीबतों से घिरा है पाकिस्तान
पाकिस्तान इस वक्त चौतरफा मुसीबतों से घिरा हुआ है। लेकिन, उसके दूसरे मुल्कों की पड़ी हुई है। उसे भारत के पीएम नरेंद्र मोदी के ऊपर अभद्र टिप्पणी करने की पड़ी हुई है। पाकिस्तान की सरकार तय नहीं कर पा रही है कि, विदेशी मुद्रा भंडार को बचाए या देश में बढ़ रहे खाद्यान्न आपूर्ति संकट का समाधान करे। कुछ दिनों पहले एक पाकिस्तानी अखबार ने अपनी खबर में जानकारी दी थी कि कराची बंदरगाह पर सैंकड़ों ऐसे कंटेनर्स यूं ही पड़े हैं जिन पर सब्जियां लदी हुई हैं जो अब सड़ रही हैं। पाकिस्तान के बैंद विदेशी मुद्रा के अभाव में साख पत्र जारी नहीं कर पा रहे हैं जिसके चलते ये कंटेनर्स ऐसे ही पड़े हैं। सिर्फ खाद्यान ही नहीं बल्कि मच्छरदानी की भी अकाल पड़ गई है। बाढ़ के चलते मलेरिका का प्रकोप बढ़ गया, जिसके चलते मच्छरदानी की मांग तेजी से बढ़ गई। ऐसे में पाकिस्तान ने भारत से 62 लाख मच्छरदानी खरीदने पर विचार किया लेकिन, कैबिनेट की ओर से इस फैसले पर अनिश्चितकाल के लिए रोक लगा दी गई थी।
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