ukraine russia war update: रूस और यूक्रेन जंग (Russia Ukraine War) खत्म नहीं बल्कि और खतरनाक होने वाली है। ये जंग नहीं बल्कि रूस द्वारा यूक्रेन में चलाया गया सैन्य अभियान था। क्योंकि, डोनबास में यूक्रेन आये दिन कत्लेआम मचा रहा था, बच्चे बूढ़े औरतों तक को नहीं छोड़ा। यूक्रेन ने रूस के नाक में इतना दम कर दिया था कि अंत में उसे ये फैसला लेना ही पड़ा। लेकिन, अमेरिका को ये बात चुभने लगी कि सैन्य अभियान का बेड़ तो उसने उठा रखा है। कोई दूसरा कैसे कर सकता है। साथ ही अमेरिका को सबसे अच्छा मौका मिल गया अपने दुश्मन को कमजोर करने का। बस यहीं से कहानी बदल गई और रूस बनाम यूक्रेन जंग बन गई रूस बनाम यूक्रेन प्लस पश्चिम। पश्चिमी देशों की एंट्री ने जंग को खतरनाक (ukraine russia war update) बना दिया। रूस पर कड़े प्रतिबंध लगा कर पुतिन को तोड़ने की कोशिश की गई, यूक्रेन को सैन्य सहायता के साथ ही आर्थिक रूप से भी सहायता की गई। अब दुनिया के सामने यह खबर तेजी से फैलाई जाने लगी है कि, रूस कमजोर हो गया है, उसके पास हथियार नहीं बचे हैं। बेशक कमजोर हुआ है लेकिन, रूस से ज्यादा स्थिति खराब पश्चिमी देशों की है। कई पश्चिमी देश तो नाटो के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं कि यूक्रेन को सहायता करना बंद करे। यूक्रेन के चक्कर में पश्चिमी देशों के अपने हथियार कम होने लगे हैं। आर्थिक रूप से बड़ा झटका लगा है। लेकिन, अब भी ये जंग सिर्फ इसलिए जारी रखा जा रहा है ताकि, रूस को कमजोर किया जा सका। अब नये साल की एंट्री होने वाली है लेकिन, उससे पहले ही रूस ने यूक्रेन (ukraine russia war update) को चेतावनी देते हुए कहा है कि, हमारी बात मान लो वरना अंजाम अब और भी ज्यादा बुरे होने वाले हैं।
रूस ने कहा- मान जाये जेलेंस्की वरना सेना करेगी फैसला
नए साल से पहले ही जेलेंस्की को डर सता रहा है कि, आने वाला साल उनके लिए बेहद ही बुरा साबित होने वाला है। इस बीच रूसी विदेश मंत्री ने भी एक बयान देकर जेलेंस्की के डर को कामय रखा। उन्होंने यूक्रेन को दो टूक शब्दों में चेतावनी दी। सर्गेई लावरोव ने कहा कि बात बहुत सरल है, अपने भले के लिए यूक्रेन हमारी बात मान ले नहीं तो रूसी सेना इसका फैसला करेगी। उन्होंने कहा कि कीव को अच्छे से मालूम है कि मास्को के प्रस्ताव उसके हित में है। रूसी समाचार एजेंसी TASS ने रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के हवाले से सोमवार को कहा, यूक्रेन के साथ हमारे प्रस्तावों में शासन द्वारा नियंत्रित क्षेत्रों के विसैन्यीकरण और विमुद्रीकरण, रूस की संप्रभुता के लिए खतरों को खत्म करना, हमारी नई भूमि वापस हो। बात बहुत सरल है- यूक्रेन उन्हें अपने भले के लिए पूरा करें। अन्यथा, रूसी सेना द्वारा इस मुद्दे का फैसला किया जाएगा। इसके आगे उन्होंने कहा कि, जब बात आती है कि संघर्ष कितने समय तक चलेगा तो, “गेंद शासन के पाले में है और वाशिंगटन इसके पीछे है।”
यूक्रेन के कई शहर बन गये हैं खंडहर
इस जंग में यूक्रेन को बुरी तरह नुकसान हुआ है, शायद ही कोई ऐसा शहर बचा हो जहां भारी तबाही न मची हो। कई शहर तो पूरी तरह से उजड़ गये हैं। लेकिन, इसके बाद भी जेलेंस्की को अपने जनता की कोई फीक्र नहीं है। जेलेंस्की इस वक्त सिर्फ पश्चिमी देशों के इशारों पर चल रहे हैं। हाल यह है कि, डोनेट्स्क, लुहांस्क, ज़ापोरिज़्ज़िया और खेरसॉन जैसे बड़े शहर रूस के कब्जे हैं। बीते रविवार को, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि मास्को बातचीत के लिए खुला है लेकिन चर्चा की कमी के लिए पुतिन ने कीव और उसके पश्चिमी समर्थकों को दोषी ठहराया।
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