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रूस की नई स्ट्रेटजी यूक्रेन में मचायेगी तबाही! बदला कमांडर- बेहद खतरना हैं Sergey Surovikin

Russia Change Commander Of War

Russia Change Commander Of War: जंग के बीच रूस नई स्ट्रैटजी पर काम करने लगा है जो यूक्रेन के लिए बेहद घातक होने वाला है। यूक्रेन पर रूस को हमला बोले 322 दिन हो चुका है और इतने दिनों में जेलेंस्की का देश खंडहर बन गया है लेकिन, घमंड अब भी कम नहीं हुआ है। अब रूस ने जो बदलाव किया है उससे सबसे ज्यादा जेलेंस्की को तकलीफ होने वाला है। क्योंकि, जब भी रूस ने अपनी युद्ध की रणनीति में बदलाव किया है तब-तब यूक्रेन को भारी कीमत चुकानी पड़ी है। रूस ने बड़ा बदलाव करते हुए यूक्रेन युद्ध के अपने जनरल (Russia Change Commander Of War) को बदल दिया है। रूस ने कहा है कि, रूसी जनरल स्टाफ के प्रमुख जनरल वालेरी गेरासिमोव सैन्य अभियान के कमांडर (Russia Change Commander Of War) बनेंगे। वर्तमान में कमांडर सर्गेई सुरोविकिन उनके तीन डिप्टी में से एक होंगे।

गेरासिमोव को खुद पुतिन ने 2012 में नियुक्त किया था
सर्गेई सुरोविकिन को अक्टूबर में कमांडर बनाया गया था। ऐसा माना जा रहा था कि इस तरह के बदलाव से उथल पुथल होगा। लेकिन जानकारी के मुताबिक सर्गेई सुरोविकिन ने गेरासिमोव को पहले ही रिपोर्ट कर दिया है। रूसी टेलीविजन कमेंटेटर सर्गेई मार्कोव ने बुधवार को टेलीग्राम पर कहा, ‘जनरलों का ट्रांसफर कर दिया जाता है। मोर्चे से उन्हें मुख्याल में भेजा जाता है। मुख्यालय से उन्हें मोर्चे पर भेजा जाता रहा है। इस तैनाती को एक प्रमोशन और एक डिमोशन की तरह देखा जा रहा है। मार्कोव ने कहा, इसे सजा की तरह नहीं देखा जाना चाहिए। सुरोविकिन को सजा नहीं दी गई है। यह एक टीम है। हालांकि इतने बड़े लेवल पर कंपटीशन जरूर रहता है। जनरल गेरासिमोव रूसी सेना के जनरल स्टाफ के प्रमुख हैं। नवंबर 2012 में उन्हें राष्ट्रपति पुतिन ने नियुक्त किया था।

भीषण हमला कर सकता है रूस
गेरासिमोव लंबे समय से सार्वजिनक रूप से नहीं दिखे हैं। पिछले साल मॉस्को में उन्हें विक्ट्री डे परेड पर भी नहीं देखा गया था, जिसके बाद उनकी स्थिति के बारे में अटकलें लगाई जा रही थी। अब वह यूक्रेन युद्ध के डायरेक्ट कमांड होंगे और अमेरिका के साथ मुख्य वार्ताकार होंगे। गेरासिमोव के तीन डिप्टी होंगे। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि युद्ध को लगभग एक साल होने वाले हैं। ऐसे में मंत्रालय का यह कदम युद्ध में एक मजबूत पकड़ रखने के लिए हैं। अब यूक्रेन को भी डर है कि, रूसी भीषण हमले कर सकता है जिसके आगे उन्हें घूटने टेकने पड़ सकते हैं।