Pakistan Textile Industry: पाकिस्तान आज जिस हाल में है वो उसका खुद का बनाया हुआ है। मुल्क जल्द ही डिफॉल्ट होने की कगार पर पहुंच सकता है। पाकिस्तान ने जब भी भारत से पंगा लिया है तब-तब वो बरबाद हुआ है। इस बार भी पुलवामा, ऊरी के बाद से दोनों देशों के बीच किसी भी तरह की बातचीत बंद है। इसका खामियाजा पाकिस्तान को भुगतना पड़ रहा है। ऊपर से पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों की अकड़ उन्हें ही ले डूबी। दरअसल, पाकिस्तान ज्यादातर सामान आयात करता है, लेकिन कम होते विदेशी मुद्रा भंडार के कारण वह भी अब उसके लिए मुश्किल होता जा रहा है। पैसा कमाने के लिए उसके पास ऐसा कुछ नहीं है जो सिर्फ पाकिस्तान ही दुनिया को दे सके। ऐसे में खराब आर्थिक हालात में जो इंडस्ट्री बची है उस पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं। उन्हीं में से एक पाकिस्तान की टेस्टाइल इंडस्ट्री (Pakistan Textile Industry) है। पाकिस्तानी कपड़ा उद्योग से जुड़े लोग पिछले एक साल से भारत से कपास आयात (Pakistan Textile Industry) की मांग कर रहे थे। लेकिन तत्कालीन पीएम इमरान ने अकड़ दिखाते हुए इस पर रोक लगा दी थी, जिसका खामियाजा आज पाकिस्तान भुगत रहा है। पाकिस्तान अपनी ही अकड़ के चलते आज इस हाल पर है।
पाकिस्तान में कपड़ा उद्योग बंद होने के कगार पर
पाकिस्तान के प्रमुख निर्यात में से एक कपड़ा है। लेकिन, उसके पास एक उचित औद्योगिक बुनियादी ढांचा नहीं है। इसके साथ ही उसके पास भारत की तरह सप्लाई चेन नहीं है, जहां ज्यादातर कच्चा माल देश में ही होता है। पाकिस्तान के कपड़ा उध्योग के हाथ से दुनिया का बाजार तेजी से छूट रहा है। इसके पीछे दो सबसे बड़े जो कारण हैं वो यह कि, उसके पास कच्चे माल यानी कपास की कमी है। इसके अलावा जहाजों की पेमेंट न होने के चलते शिपमेंट कंपनियां अपना बिजनेस पाकिस्तान में बंद कर रही हैं। पिछले छह महीने से लगातार कपड़ा व्यापारियों को समस्या हो रही है।
निर्यातक पाकिस्तान में बिजनेस करने से डर रहे
हाल यह है कि, पाकिस्तान के साथ निर्यातक बिजनेस नहीं करना चाहते हैं। उनका सवाल है कि, क्या पाकिस्तान समय से ऑर्डर पूरा कर सकेगा या नहीं। कई निर्यातक नए ऑर्डर बुक करने से ही डर रहे हैं। क्योंकि, उन्हें पता है कि, डॉलर की कमी के चलते पाकिस्तान के पास कच्चा माल जैसे कपास, डाई और कैमिकल की कमी है। पाकिस्तान होजरी मैन्युफैक्चरर्स एंड एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष बाबर खान ने कहा, ‘सरकार की उदासीनता के कारण निर्यात के गिर रहा है। हमें डर है कि आने वाले महीनों में ये संकट बढ़ेगा। हमें एक कपड़ा बनाने के लिए कपास से लेकर बटन और चेन तक आयात करना पड़ता है।’ कपड़ा बनाने के लिए सबसे जरूरी चीज कपास है। पाकिस्तान कपास उगाता है, लेकिन साल 2022 में उसका उत्पादन 45 फीसदी गिर गया।
भारत से इमरान खान की अकड़ ले डूबी पाकिस्तान को
पाकिस्तान का कपड़ा उद्योग भारत से कपास खरीदना चाहता था जो सस्ता पड़ता, लेकिन पाकिस्तान की सरकार के जिद्दी रवैए के कारण वह ऐसा न कर सका। साल 2021 में इमरान खान की कैबिनेट ने भारत से कपास खरीदने की मांग को रद्द कर दिया था। मांग को पूरा करने के लिए अमेरिका से इस साल कपास मंगाया गया है। पेमेंट न होने के कारण कराची बंदरगाह पर 30 करोड़ डॉलर के कपास लंबे समय से पड़े हैं। इस उद्योग से पाकिस्तान में 2.5 करोड़ लोग जुड़े हैं और टेक्सटाइड इंडस्ट्री के पास सिर्फ 60 दिनों का ही कच्चा माल बचा है। मार्च तक अगर बंदरगाह के कपास नहीं आए तो पाकिस्तान का कपड़ा उद्योग पूरी तरह से बंद हो जाएगा।
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