Pakistan Financial Crisis: पाकिस्तान आज जिस हाल में है वो उसका खुद का बनाया हुआ है। मुल्क जल्द ही डिफॉल्ट होने की कगार पर पहुंच गया है। पाकिस्तान के पास खाने के लाले पड़े हुए हैं। उसके कई बड़े उद्योग बंद होने के कगार पर हैं। खासकर टेक्स्टाइल इंडस्ट्री कुछ ही दिनों में बंद हो सकती है। इसके साथ ही अन्य कई क्षेत्रों का भी यही हाल है। अब जिन्ना का देश महाकंगाल (Pakistan Financial Crisis) हो गया है। क्योंकि, पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार गिरते-गिरते अब पाताल (Pakistan Financial Crisis) तक पहुंच गया है। मुल्क के पास सिर्फ तीन हफ्ते के आयात का ही विदेशी मुद्रा भंडार बचा है।
सिर्फ तीन हफ्ते का पाकिस्तान के पास समय
स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (SBP) ने घोषणा की है कि आर्थिक संकट के कारण देश का विदेशी मुद्रा भंडार 3.7 अरब डॉलर के निचले स्तर तक गिर गया है। SBP ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से बेलआउट पैकेज मिलने की उम्मीद कर रहा है। अगर ऐसा न हुआ तो ये अपने कर्जे भी पूरा नहीं कर सकेगा। SBP के 20 जनवरी को दिए एक बयान के मुताबिक पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार कर्ज की भरपाई के कारण गिर रहा है। ये गिरते हुए 3,687.4 मिलियन डॉलर (3.7 बिलियन) तक पहुंच गया है। ये इतना कम है कि इससे एक महीने से भी कम का आयात संभव है। लगभग तीन सप्ताह का आयात ही इसके जरिए पाकिस्तान कर सकता है।
IMF के हाथों पाकिस्तान की चाबी
फरवरी 2014 के बाद ये विदेशी मुद्रा भंडार में सबसे बड़ी गिरावट है। केंद्रीय बैंक के बयान के मुताबिक कॉमर्शियल बैंकों के पास मौजूद विदेशी मुद्रा भंडार में भी कमी देखी गई है। पाकिस्तान के मित्र राष्ट्रों ने आश्वासन देने के बावजूद फंड को रोक दिया है। वह देख रहे हैं कि क्या IMF बेलआउट पैकेज देगा या नहीं। पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार ने IMF से आग्रह किया है कि वह अपना एक प्रतिनिधिमंडल भेजें। IMF के रेजिडेंट प्रतिनिधि एस्तेर पेरेज रुइज ने कहा कि IMF का मिशन 31 जनवरी से 9 फरवरी के बीच इस्लामाबाद का दौरा करेगा। मिशन घरेलू और बाहरी स्थिरता को बहाल करने की नीतियों पर फोकस रखेगा। इसमें राजकोष को मजबूत करना, बाढ़ से प्रभावित लोगों की मदद, बिजली की बहाली और फॉरेक्स मार्केट के कामकाज को फिर से स्थापित करना होगा।
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