Hindi News

indianarrative

कंगाली में भी पाकिस्तान अलाप रहा कश्मीर राग, शहबाज शरीफ ने अब कही ये बात

Pakistan Economic Crisis

इस समय पाकिस्तान (Pakistan) की आर्थिक हालत बेहद खराब है। लोगों के पास दो वक्त की रोटी खाने के लिए आटा तक नहीं है और आटा खरीदने के लिए लंबी-लंबी कतारें लग रही हैं लेकिन तब भी कई लोगों को यह नहीं मिल पा रहा है। सब्जियों से लेकर तमाम खाद्य पदार्थों के दाम आसमान छू रहे हैं और कमरतोड़ महंगाई ने पाकिस्तान की जनता को परेशान कर रखा है। लेकिन इन सबके बावजूद पाकिस्तान सियासतदां अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ कश्मीर-कश्मीर चिल्ला रहे हैं। जी हां, उन्होंने दावा किया है कि कश्मीर मुद्दे को 20 साल तक लटकाए रखने की साजिश रची गई। कंगाल पाकिस्तान की ऐसी अकड़ तब है जब मुल्क की अर्थव्यवस्था चरमराई हुई है और भारत की वैश्विक कूटनीति की सफलता ने पाकिस्तान को कोने में धकेल दिया है, खासकर प्रमुख इस्लामिक देशों में लेकिन शहबाज शरीफ कश्मीर मुद्दे को हवा देने में व्यस्त हैं।

पीएम शहबाज शरीफ ने कहा, कुछ समय पहले, कुछ लोगों ने (स्पीकर के) कक्ष में मेरे साथ शेयर किया की अगले 20 वर्षों तक कश्मीर में जनमत संग्रह को टालने की साजिश रची गई थी। कश्मीरियों के साथ इससे बड़ी कोई साजिश और क्रूरता नहीं हो सकती है। डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री ने कहा, मुझे लगता है कि कोई भी पाकिस्तानी राजनेता या सैनिक ऐसा कुछ सोच भी नहीं सकता है।

ये भी पढ़े: कंगाल पाकिस्तान में हाहाकार, कदम दर कदम समझिए डिफॉल्ट होने के बाद का बड़ा खतरा

शहबाज ने IMF का दुखड़ा रोया

डॉन की रिपोर्ट के अनुसार शहबाज शरीफ का खुलासा पर्दे के पीछे की कूटनीति के माध्यम से 20 वर्षों से कश्मीर मुद्दे के ठंडे बस्ते में होने के बारे में कुछ समय से चल रही अफवाहों की परोक्ष पुष्टि थी। उन्होंने इसमें कोई विवरण नहीं दिया। उन्होंने कहा- हम बड़ी वित्तीय चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। जब मैं यहां आपसे बात कर रहा हूं, इस्लामाबाद में आईएमएफ का प्रतिनिधिमंडल हर किताब और एक-एक पैसे की सब्सिडी की जांच कर रहा है।

शरीफ ने कहा- हमें जीना है, लेकिन जीवित राष्ट्रों की तरह, न कि भीख के कटोरे के साथ। यह पिछले 75 वर्षों में होता रहा है, लेकिन कहीं न कहीं इसे रोकना होगा और यह तब रुकेगा जब पूरा देश गरीबी, भुखमरी और महंगाई को चुनौती देने के लिए एकजुट होगा और देश के आंतरिक संसाधनों को उत्पन्न करेगा।