ईरान (Iran) में पिछले कई साल हिजाब को लेकर सरकार के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन हुआ। इस दौरान हजारों महिलाएं शामिल हुई थी। वहीं 22 साल की युवती महसा अमीनी की पुलिस द्वारा अरेस्ट कर लिया गया, जिसके बाद उसकी मौत हो गई थी। जिसके बाद से पूरे ईरान में विरोध प्रदर्शन कई ज्यादा बढ़ गया था। महिला अपने हिजाब और बुर्के को उतार फेंककर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। इस हिजाब प्रदर्शन में अब तक कई लोगों ने अपनी जान भी गवाई। महिलाएं विरोध दर्ज कराने के लिए हिजाब जला रही हैं और अपने बाल काट रही हैं। इस बीच ईरान के एक मौलवी ने प्रशासन से मांग की है कि वे हर महिला का हिजाब पहनना सुनिश्चित करें, इससे पहले वे गर्मियों में ‘बिना कपड़ों के’ घूमने लगें।
कौन है ये मौलवी?
ऐसी अजीबोगरीब मांग करने वाले मौलवी का नाम मोहम्मद नबी मूसाविफर्ड है। उसका कहना है कि सरकार को हिजाब (Hijab) कानून को लागू करने में पीछे नहीं हटना चाहिए। ईरान इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार मौलवी ने कहा, हमें अपने धार्मिक मूल्यों का संरक्षण करना होगा, भले इसके लिए हमें कई बार अदालत जाना पड़े। मौलवी ने कहा कि लोगों और समाज सेवा करने वालों को बिना हिजाब वाले लोगों के लिए काम नहीं करना चाहिए।
मौलवी ने दिया विवादित बयान
मौलवी ने कहा कि लोगों को गलत तरीके से हिजाब पहनने वाली महिलाओं को चेतावनी देनी चाहिए और उदासीन नहीं रहना चाहिए। नहीं तो, वे गर्मियों में बिना कपड़ों के सड़कों पर आ जाएंगी। ईरान में 22 साल की महसा अमीनी की मौत के विरोध में प्रदर्शन हो रहे हैं। अमीनी के समर्थन में कई महिलाओं ने अपने हिजाब त्याग दिए हैं और रूढ़िवादी नियमों को खुलकर तोड़ रही हैं।
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हिजाब न पहनने से क्या है बारिश का कनेक्शन?
पिछले महीने एक ईरानी इमाम ने देश में बारिश की कमी के लिए हिजाब न पहनने वाली महिलाओं को दोषी ठहराया था, जिसकी वजह से ईरान में जल संकट खड़ा हो गया है। ईरान (Iran) के सुप्रीम लीडर के करीबी मोहम्मद-मेहदी हुसैनी हमदानी ने कहा था कि हिजाब पहनने के नियमों को तोड़कर महिलाओं ने ‘देश भर में बारिश की कमी पैदा कर दी है। यही नहीं इमाम का कहना है जो महिला हिजाब नहीं पहनती उन्हें सजा दी जानी चाहिए।