रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच यूरोपीय देशों में हथियारों की होड़ लगी हुई है। आलम यह है की इस समय हर देश अपनी सुरक्षा को चाक-चौबंद करने के लिए खतरनाक हथियारों के विकास में जुटा हुआ है। इस दौरान अब जर्मनी (Germany) ने ऐलान किया है कि वह दुनिया का सबसे बड़ा सबमरीन ड्रोन (Submarine Drone) बना रहा है। बताया जा रहा है कि यह ड्रोन परमाणु सुनामी लाने में सक्षम रूसी पोसाइडन ड्रोन से भी बड़ा होगा। जर्मन मोडिफाइड अंडरवाटर मदरशिप दुनिया का सबसे बड़ा अंडरवाटर व्हीकल होगा। वर्तमान में रूस, अमेरिका, ब्रिटेन, चीन के पास पहले से ही अंडरवॉटर व्हीकल्स की फौज मौजूद है। ये ड्रोन उथले पानी में दुश्मन के इलाके की जासूसी कर सकते हैं और मौका मिलने पर हमला करने में भी सक्षम हैं।
थिसेनक्रुप मरीन सिस्टम्स बना रहा सबमरीन ड्रोन
दुनिया के सबसे बड़े अंडरवाटर ड्रोन का निर्माण जर्मन शिपबिल्डर TKMS कर रहा है। टीकेएमएस ने कहा कि वह अपने मोडिफाइड अंडरवाटर मदरशिप ड्रोन का निर्माण शुरू करने की तैयारी कर रहा है। यह ड्रोन किसी भी ज्ञात प्रकार से काफी बड़ा है। प्रोटोटाइप एमयूएम की असेंबली इसी साल गर्मियों में शुरू होने की उम्मीद है। प्रोटोटाइप की कुल लंबाई लगभग 25 मीटर (82 फीट) होगी। रूस के पोसाइडन ड्रोन की लंबाई 20 मीटर है और उसे अपना काम करने के लिए किसी पनडुब्बी पर निर्भर रहना पड़ता है।
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फ्लैट फिश टाइप का डिजाइन
जर्मनी के इस अंडरवाटर सबमरीन ड्रोन की लंबाई अमेरिकी नौसेना के ओर्का एक्सएलयूयूवी के समान है। इसकी डिजाइन में एक्सटेंडेड पेलोड सेक्शन भी शामिल है। जर्मन कंपनी टीकेएमएस ने अपनी सबसे बड़े सबमरीन ड्रोन को ‘फ्लैट फिश’ टाइप डिजाइन का नाम दिया है। रूसी टायफून क्लास की पनडुब्बी समान लंबाई वाली अमेरिकी नौसेना की ओहियो श्रेणी की पनडुब्बी से बहुत बड़ी थी। जर्मन सबमरीन ड्रोन की डिजाइन चपटी है। ऐसे में यह उथले पानी में आसानी से तैर सकती है। इसके अलावा इस ड्रोन को स्थिरता भी काफी ज्यादा मिलने वाली है। इस ड्रोन का इस्तेमाल पानी के नीचे रेकी करने, थ्री डी नक्शा बनाने, इलाके की गतिविधियों को मॉनिटर करने और गश्त लगाने के लिए किया जा सकता है।