Tamil Nadu Government:वन्यजीव संरक्षण पर और बल देते हुए तमिलनाडु(Tamil Nadu) सरकार ने अपने 18वें वन्यजीव अभयारण्य की घोषणा की है। थानथाई पेरियार वन्यजीव अभयारण्य के रूप में नामित यह 80,567 हेक्टेयर में फैला होगा और चार वन श्रेणियों, अर्थात्, बरगुर, अंथियुर, चेन्नमपट्टी और थट्टाकरई से बना है।
राज्य के इरोड जिले में स्थित यह अधिसूचित क्षेत्र बाघों, तेंदुओं, हाथियों, ग्वारों, जंगली सूअरों और हिरणों का घर है। इस नये अभयारण्य को जो बात महत्वपूर्ण बनाती है, वह इसकी रणनीतिक स्थिति है, क्योंकि इसके पश्चिमी हिस्से में सत्यमंगलम टाइगर रिज़र्व, उत्तरी में कोल्लेगल वन प्रभाग और पूर्वी में कावेरी वन्यजीव अभयारण्य है।
इसके अलावा, एसटीआर के वन संरक्षक और क्षेत्र निदेशक राजकुमार के अनुसार, यह नया अभयारण्य एक अच्छा शिकार आधार प्रदान करने के अलावा एसटीआर, बांदीपुर टाइगर रिज़र्व, सीडब्ल्यूएस और बिलीगिरी रंगास्वामी मंदिर वन्यजीव अभयारण्य को जोड़कर एक बाघ गलियारा बनायेगा।
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इस कदम की सराहना करते हुए पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन और वन के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुप्रिया साहू ने कहा: “यह घोषणा चल रहे संरक्षण प्रयासों के लिए एक बड़ी प्रेरणा है।” उन्होंने कहा कि इस नये अभयारण्य में स्तनधारियों की 21 प्रजातियां, पक्षियों की 136 प्रजातियां और तितलियों की 118 प्रजातियां हैं।
यह नया अभ्यारण्य का उद्देश्य अधिक से अधिक अवैध शिकार रोधी पर्यवेक्षकों की नियुक्ति और शिविरों का निर्माण करना; आक्रामक प्रजातियों को हटाने; मानव-पशु संघर्षों को कम करना और एशियाई हाथी संरक्षण को बढ़ावा देना है।
वन विभाग के अधिकारियों ने इस क्षेत्र में रहने वाले आदिवासियों के डर को दूर करते हुए कहा कि उन्हें इन क्षेत्रों में अपना काम करने में किसी भी तरह की पाबंदी का सामना नहीं करना पड़ेगा। इस पर सफाई देते हुए राजकुमार ने कहा कि छह बस्तियों में रहने वाले आदिवासी लोगों को पहले से ही हक़दारी मिल चुकी हैं और वे वन अधिकार अधिनियम के तहत अपने अधिकारों का उपयोग करते रहेंगे।