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पाकिस्तान की अकड़ ढीली, हिंदुस्तान की शरण में आने के लिए तड़प रहे Sarif! भारत संग सुधरेंगे रिश्‍ते?

पाकिस्‍तानी सेना के अधिकारी SCO बैठक में शामिल हुए

पाकिस्तान (Pakistan) इस वक्त सबसे बड़ी आर्थिक संकट से गुजर रहा है। महंगाई आसमान छू रही है। पाकिस्तान ने दूसरे देशों से इतना कर्ज ले रखा है कि अब उसे फिर से पैसे मांगने में शर्म आ रही है। इस वक्त पाकिस्तान दुनिया के सामने कटोरा लेकर भीख मांगने पर मजबूर हो गया है। इस बीच अब कश्मीर से अनुच्‍छेद 370 को फिर से बहाल करने की जिद पर अड़े पाकिस्‍तान की अकड़ अब ढीली पड़ती जा रही है। पाकिस्‍तानी सेना के एक प्रतिनिधिमंडल ने पहली बार नई दिल्‍ली में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में हिस्‍सा लिया है।

पाकिस्‍तान के विदेश मंत्रालय ने इस बैठक की पुष्टि की है। वहीं अब पाकिस्‍तानी नेता और अधिकारी वर्चुअल तरीके से ही इस बैठक में शामिल हुए थे। पाकिस्‍तानी मीडिया के मुताबिक इससे अब संभावना बनती जा रही है कि पाकिस्‍तान के रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री भी भारत जा सकते हैं। एक्‍सप्रेस ट्रिब्‍यून की रिपोर्ट के मुताबिक भारत ने पाकिस्‍तान के रक्षा मंत्री और विदेश मंत्रियों को भी अप्रैल और मई में होने वाली बैठक के लिए आमंत्रित किया है। वहीं पाकिस्‍तान के विदेश मंत्रालय की प्रवक्‍ता मुमताज जहरा बलोच ने कहा है कि अभी तक दोनों ही नेताओं के भारत जाने के बारे में कोई फैसला नहीं हुआ है।

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शहबाज सरकार गंभीरता से कर रही विचार

इससे पहले भारत ने कश्‍मीर का नक्‍शा गलत दिखाने पर पाकिस्‍तान को करारा जवाब दिया था और उसका न्‍यौता रद कर दिया था। बलोच ने कहा, भविष्‍य की बैठकों के बारे में बात करें तो मैं यह अनुमान नहीं जता सकती कि चीजें कैसे आगे बढ़ेंगी।’ ऐसा पहली बार है जब पाकिस्‍तान के किसी अधिकारी ने एससीओ की बैठक में नई दिल्‍ली आकर हिस्‍सा लिया है। पाकिस्‍तानी अखबार ने कहा कि शहबाज शरीफ सरकार गंभीरता के साथ भारत के न्‍योते पर विचार कर रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि एससीओ में चीन (China) और रूस दोनों ही शामिल हैं और पाकिस्‍तान को डर सता रहा है कि अगर उन्‍होंने इस अहम फोरम में हिस्‍सा नहीं लिया तो भारत इसका फायदा उठा सकता है।

भारत-पाक रिश्‍तों में आएगा बदलाव?

इतना ही नहीं दावा तो यह भी किया गया है कि भारत और पाकिस्‍तान के कुछ साझा मित्र देश दोनों ही देशों के बीच बातचीत को फिर से शुरू कराने के लिए प्रयास कर रहे हैं। हालांकि पाकिस्‍तान में राजनीतिक संकट की वजह से चीजें आगे नहीं बढ़ रही हैं। अगर पाकिस्‍तान के रक्षा और विदेश मंत्री और बाद में शहबाज भारत आते हैं तो दोनों ही देशों के बीच द्विपक्षीय रिश्‍तों में कुछ बदलाव देखने को मिल सकता है।