पाकिस्तान(Pakistan) में आर्थिक संकट छाया हुआ है। रमज़ान के महीने में पाकिस्तान का हर आदमी अपना और अपने परिवार का पेट भरने की लड़ाई लड़ रहा है। पाकिस्तान के कराची में खाना घर किचन के बाहर लंबी-लंबी लाइनें देखने को मिल रही हैं। लोग यहां एक हाथ में अपने पहचान पत्र की फोटोकॉपी लेकर खड़े हैं।आर्थिक संकट के कारण पाकिस्तान का बाल बाल कर्ज़े में है। पाकिस्तान पिछले कुछ महीनो से (IMF) से क़र्ज़ मांग रहा है। कई कठोर शर्तों और लंबी बातचीत के बाद भी पाकिस्तान और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के बीच समझौता नहीं हो पा रहा है।आईएमएफ(IMF) पाकिस्तान को वित्तीय सहायता पर सऊदी अरब और यूएई सहित द्विपक्षीय देशों से वेरिफिकेशन कर रहा है। पाकिस्तान को उम्मीद है कि स्टाफ-लेवल एग्रीमेंट साइन करने के लिए द्विपक्षीय मित्र उसे वित्तीय सहायता मुहैया कराएंगे। पाकिस्तान के कई बार अनुरोध के बाद भी सऊदी अरब और यूएई इस दिशा में कोई कदम नहीं उठा रहे हैं। दूसरी तरफ आईएमएफ ने संकटग्रस्त बांग्लादेश और श्रीलंका को आर्थिक मदद का ऐलान कर दिया है।
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सीनेट स्टैंडिंग कमिटी ऑन फाइनेंस में हिस्सा लेने के बाद पाकिस्तान की वित्त राज्य मंत्री डॉ आइशा गौस पाशा ने कहा कि आईएमएफ के साथ बातचीत जारी है। अब इकलौता बकाया मुद्दा आईएमएफ का सऊदी अरब और यूएई सहित द्विपक्षीय देशों से बाहरी वित्तपोषण पर पुष्टि का है, जो प्रक्रिया में है। उन्होंने कहा, ‘ऐसे संकेत हैं कि द्विपक्षीय मित्रों से बहुत जल्द वित्तीय सहायता मिल सकती है। यह मदद आईएमएफ के साथ स्टाफ लेवल एग्रीमेंट को अंतिम रूप देने में मदद करेगी।’
आइशा गौस ने कहा कि नौवीं समीक्षा के पूरा होने में बाहरी वित्तीय मदद एकमात्र अड़चन है। उम्मीद है कि यह जल्द दूर हो जाएगी। चीन, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात समेत मित्र देशों से सकारात्मक संकेत मिले हैं। मंत्री ने कहा कि इस प्रक्रिया में समय लग रहा है क्योंकि आईएमएफ को मित्र देशों से पुष्टि चाहिए और वेरिफिकेशन के बाद समझौते को अंतिम रूप दिया जाएगा।