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2023 में GDP को लेकर IMF का अनुमान: भारत के लिए 6.1%, चीन के लिए 5.2%

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने 2023 में भारत की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर का अनुमान बढ़ाकर 6.1 प्रतिशत कर दिया है (फ़ोटो: सौजन्य: ANI)

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने 2023 में भारत की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर का अनुमान बढ़ाकर 6.1 प्रतिशत कर दिया है, जो उसके अप्रैल के अनुमान से 0.2 प्रतिशत अंक अधिक है।

उच्च घरेलू निवेश के कारण 2022 की चौथी तिमाही में उम्मीद से अधिक मज़बूत वृद्धि के कारण इसे संशोधित कर ऊपर कर दिया गया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि IMF ने चीन के लिए अपने पूर्वानुमान को 2023 के लिए 5.2 प्रतिशत और 2024 के लिए 4.5 प्रतिशत को अपरिवर्तित छोड़ दिया है। हालांकि, उपभोग वृद्धि मोटे तौर पर अप्रैल 2023 के विश्व आर्थिक आउटलुक अनुमानों के अनुरूप हुई है, लेकिन चीन में चल रही रियल एस्टेट मंदी के कारण निवेश का प्रदर्शन कमज़ोर रहा है।

IMF ने विश्व आर्थिक आउटलुक के अपने नवीनतम अपडेट में कहा कि उभरते और विकासशील एशिया में विकास 2023 में 5.3 प्रतिशत तक बढ़ने की राह पर है, फिर 2024 में 5.0 प्रतिशत तक, जो 2024 के लिए 0.1 प्रतिशत अंक की गिरावट दर्शाता है।

IMF के विश्व आर्थिक आउटलुक अपडेट में कहा गया है, “2023 में भारत में विकास दर 6.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो अप्रैल के अनुमान की तुलना में 0.2 प्रतिशत अंक ऊपर है, जो मज़बूत घरेलू निवेश के परिणामस्वरूप 2022 की चौथी तिमाही में उम्मीद से अधिक मज़बूत वृद्धि की गति को दर्शाता है।”

हालांकि, भारतीय रिज़र्व बैंक ने 2023-24 के लिए भारतीय आर्थिक विकास दर 6.5% रहने का अनुमान लगाया है।

इससे पहले जून में फिच रेटिंग्स ने अप्रैल-जून तिमाही में अब तक की मज़बूत वृद्धि और निरंतर निकट अवधि की गति का हवाला देते हुए भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए वित्त वर्ष 2024 (2023-24) के विकास अनुमान को पहले के 6% से बढ़ाकर 6.3% कर दिया था।

IMF की भविष्यवाणी के अनुसार, जापान में विकास दर 2022 में 1.1 प्रतिशत से बढ़कर 2023 में 1.4 प्रतिशत होने का अनुमान है, जो मामूली वृद्धि को दर्शाता है और फिर 2024 में धीमी गति से 1.0 प्रतिशत हो जायेगा, क्योंकि पिछली उत्तेजनाओं का प्रभाव समाप्त हो जायेगा।

IMF ने कहा है कि वैश्विक वृद्धि 2022 में अनुमानित 3.5 प्रतिशत से गिरकर 2023 और 2024 दोनों में 3.0 प्रतिशत होने का अनुमान है। इसने आगे कहा कि वैश्विक हेडलाइन मुद्रास्फीति 2022 में 8.7 प्रतिशत से गिरकर 2023 में 6.8 प्रतिशत और 2024 में 5.2 प्रतिशत होने की उम्मीद है।

अपडेट में कहा गया है,“हालांकि, 2023 के लिए पूर्वानुमान अप्रैल 2023 विश्व आर्थिक आउटलुक (डब्ल्यूईओ) में की गयी भविष्यवाणी से थोड़ा अधिक है, लेकिन यह ऐतिहासिक मानकों से कमज़ोर बना हुआ है। मुद्रास्फीति से लड़ने के लिए केंद्रीय बैंक की नीतिगत दरों में वृद्धि का आर्थिक गतिविधियों पर असर जारी है।”

इसमें कहा गया है, “वैश्विक हेडलाइन मुद्रास्फीति 2022 में 8.7 प्रतिशत से घटकर 2023 में 6.8 प्रतिशत और 2024 में 5.2 प्रतिशत होने की उम्मीद है। अंतर्निहित (कोर) मुद्रास्फीति में और अधिक धीरे-धीरे गिरावट का अनुमान है, और 2024 में मुद्रास्फीति के पूर्वानुमान को ऊपर की ओर संशोधित किया गया है।”

IMF ने कहा कि मुद्रास्फीति उच्च बनी रह सकती है और यहां तक कि अगर आगे भी आर्थिक झटके आते हैं, तो इसमें वृद्धि हो सकती है, जिसमें यूक्रेन में संघर्ष की तीव्रता और चरम मौसम से संबंधित घटनायें शामिल हैं, जिसके परिणामस्वरूप अधिक प्रतिबंधात्मक मौद्रिक नीति होगी। इसमें कहा गया है कि वित्तीय क्षेत्र में उथल-पुथल फिर से शुरू हो सकती है, क्योंकि बाज़ार केंद्रीय बैंकों द्वारा नीति को और सख़्त करने के साथ तालमेल बिठा रहा है।

वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक अपडेट में कहा गया है कि संयुक्त राज्य अमेरिका में विकास दर 2022 में 2.1 प्रतिशत से घटकर 2023 में 1.8 प्रतिशत होने का अनुमान है।