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यूपी में संगठित अपराध और माफ़ियाओं की ख़ैर नहीं,सीएम योगी ने कसी कमर

सीएम योगी आदित्यनाथ का संगठित अपराध के ख़िलाफ़ ऐलान-ए-जंग

माफ़िया डॉन अतीक़ अहमद का साम्राज्य तोडऩे के बाद यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को ऐलान किया था कि राज्य में अंडरवर्ल्ड हमेशा के लिए कमज़ोर हो गया है और क़ानून को अपने हाथ में लेने में सक्षम नहीं है।

लखनऊ में एक कपड़ा पार्क की स्थापना के सिलसिले में एक हस्ताक्षर समारोह के दौरान योगी ने कहा, “इससे पहले राज्य अपनी पहचान के संकट से पीड़ित था। हालांकि, आज अपराधी और माफ़िया संकट में हैं। अब गैंगस्टर और माफ़िया कारोबारियों को फ़ोन पर धमकी नहीं दे सकते। उत्तरप्रदेश आज एक बेहतर क़ानून और व्यवस्था की स्थिति का वादा करता है। ”

हालांकि, उन्होंने व्यक्तिगत रूप से तो इसकी पुष्टि नहीं की है, लेकिन ऐसा लगता है कि योगी प्रशासन के पास राज्य के तेज़ी से विकास का मार्ग प्रशस्त करने के लिए 61 माफ़िया गिरोहों की कमर तोड़ने की बड़ी योजना है।

ऑपइंडिया वेबसाइट की एक रिपोर्ट बताती है कि क़ानून प्रवर्तन अधिकारियों ने 61 अंडरवर्ल्ड गैंगस्टरों की एक सूची तैयार कर ली है, जिनकी 500 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क होने के बाद वित्तीय कमर टूट जाएगी।

इस रिपोर्ट में क़ानून और व्यवस्था के लिए विशेष डीजी प्रशांत कुमार का हवाला देते हुए कहा गया है कि मवेशी तस्करी, अवैध रेत खनन, अवैध शराब व्यापार और अन्य संगठित अपराधों पर कार्रवाई के लिए 61 अपराधियों की एक सूची तैयार क ली गयी है।

कुछ प्रमुख माफ़िया हैं:

 

सुधाकर सिंह

सिंह सुल्तानपुर का रहने वाला है और शराब तस्करी में लिप्त है। वह फिलहाल फ़रार है, और पुलिस ने उसे पकड़ने के लिए एक रुपये के इनाम की पेशकश की हुई है।

 

 ऊधम सिंह

मेरठ से ताल्लुक़ रखने वाला उधम सिंह राज्य द्वारा सूचीबद्ध शीर्ष 25 अपराधियों में शामिल है। उसके गिरोह के सदस्य पश्चिमी यूपी में हत्या, डकैती, लूटपाट और ज़बरन वसूली में लिप्त रहे हैं। वह इस समय उन्नाव जेल में बंद है।

 

  योगेश भदौरा

इसके अलावा, मेरठ के भदौरा गांव से भदौरा गैंग डी75 चलाने वाला उधम सिंह का मुख्य प्रतिद्वंद्वी है। उसके अपराधों में हत्या, अपहरण और डकैती शामिल है। वह फिलहाल सिद्धार्थ नगर जेल में बंद है।

 

बदन सिंह बद्दो

इसके अलावा, पश्चिमी यूपी से ढाई लाख का इनामी बदमाश बद्दो है,जो 2019 से फ़रार है। हत्या, रंगदारी और डकैती से जुड़े 40 मामलों में उसका नाम आता है।

 

अजीत चौधरी अक्कू

मुरादाबाद माफ़िया का एक सदस्य है, वह “वसुली भाई” उपनाम से भी जाना जाता है। उसके अपराधों में ज़बरन वसूली, हत्या और डकैती शामिल हैं।

 

सुनील राठी

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपना साम्राज्य चला रहे बागपत के मूल निवासी सुनील राठी है। योगी प्रशासन के दौरान उस पर बागपत जेल में मुन्ना बजरंगी की हत्या का शक है।