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अनोखी कामयाबी : सर्जरी का चमत्कार,जुड़ गया कटा हुआ हाथ

कटक में SCB MCH के डॉक्टरों ने 48 वर्षीय एक महिला की कटी हुई बांह को सफलतापूर्वक जोड़ दिया (फ़ोटो: सौजन्य:Twitter/@SCBMCHCTC)

ओडिशा के कटक शहर में श्रीराम चंद्र भांजा मेडिकल कॉलेज अस्पताल एक उल्लेखनीय सर्जरी को लेकर ख़बरों में था। वहां डॉक्टरों के सफल हस्तक्षेप के से एक 48 वर्षीय महिला की कटी हुई बांह को फिर से लगा दिया गया, हालांकि वह एक से अधिक बीमारियों से पीड़ित है।

इस जटिल ऑपरेशन को आठ घंटे से अधिक समय तक करने वाले सात डॉक्टरों की टीम का नेतृत्व प्रोफ़ेसर अरुण चौधरी कर रहे थे और इसमें एनेस्थिसियोलॉजिस्ट, माइक्रो-वैस्कुलर सर्जन और प्लास्टिक सर्जन शामिल थे। इसे प्लास्टिक और पुनर्निर्माण सर्जरी विभाग में अंजाम दिया गया ।

मरीज़ का नाम सुकांतियो मोहंती है और अन्य लोगों के साथ उसके भतीजे  ने 4 मार्च को पारिवारिक झगड़े के बाद उसका हाथ काट दिया था। उसे उसी दिन एससीबी एमसीएच ले जाया गया था।

मीडिया के साथ साझा करते हुए चौधरी ने कहा कि वह फेफड़े और दिल की मरीज़ हैं और कटी हुई जगह में 20 टेंडन और तीन महत्वपूर्ण तंत्रिकायें थीं। इस जटिल मामले से जूझने के बाद इस टीम ने चुनौती लेने का फ़ैसला किया और जिस दिन उसे भर्ती किया गया था, उसी दिन नसों, टेंडन और रक्त वाहिकाओं को जोड़कर बांह की कलाई को फिर से लगा दिया गया।

चोट के अलावा, उनके सीने में पानी जमा हो गया था, जिसे प्रो. एम.आर. पटनायक के मार्गदर्शन में बाहर निकाला गया, जबकि उनके दिल की बीमारी की देखभाल प्रो. एस.एन. रूटरे कर रहे थे।

सर्जरी के दौरान हुए खून के नुकसान की भरपाई के लिए उसे एबी पॉजिटिव खून की नौ बोतलें दी गईं।

मोहंती के इस अस्पताल में नि:शुल्क इलाज किया गया, जबकि निजी अस्पताल में 10 लाख रुपये का खर्च आयेगा।यह एक ऐसा वित्तीय बोझ था, जो वह वहन नहीं कर सकती थी।

सर्जरी के बाद मरीज़ को कड़ी निगरानी में रखा गया। यह सुनिश्चित करने के बाद कि फिर से प्रत्यारोपित प्रकोष्ठ में उचित रक्त प्रवाह हो रहा है, उसे बुधवार को छुट्टी दे दी गई। उनके डिस्चार्ज के दौरान उपस्थित लोगों में प्रोफ़ेसर सुधांशु मिश्रा, एससीएच एमसीएच अधीक्षक और अन्य शामिल थे।

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