पाकिस्तान (Pakistan) की इस वक्त न तो आर्थिक स्थिति सही है और न ही राजनीति। दोनों में जबरदस्त भूचाल आया हुआ है। देश की अर्थव्यवस्था लगातार डूबती नजर आ रही है। आलम यह है कि, पूरे मुल्के में हर एक चीजों के दामों में भारी वृद्धि हो चुकी है। दूसरी ओर राजनीति उठापटक खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है। पाकिस्तान में इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद से पाकिस्तान में जमकर बवाल मचा हुआ है। मुल्क में हालात बद से बदतर होने के बाद भड़की हिंसा पर सेना ने सख्त नाराजगी जताई थी। इस दौरान सेना ने कहा कि 9 मई को एक काले अध्याय के तौर पर याद किया जाएगा। इस दिन इमरान की गिरफ्तारी के बाद उनके समर्थकों ने पूरे पाकिस्तान में खूब बवाल मचाया था। अब पाकिस्तानी सेना के प्रॉपगैंडा विंग इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के डायरेक्टर जनरल इफ्तिखार बाबर ने दंगाइयों को चेतावनी देते हुए कहा कि हम किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं देंगे। ऐसे में इस्लामाबाद (Islamabad) में भी सेना की टुकड़ियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। ऐसे में पाकिस्तान में कुछ बड़ा होने का अंदेशा जताया जाने लगा है।
इमरान की पार्टी को कहा ‘पाखंडी’
पाकिस्तानी सेना की मीडिया विंग के प्रमुख इफ्तिखार बाबर ने कहा कि इमरान खान को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय से एनएबी के बयान और कानून के अनुरूप गिरफ्तार किया गया था। इस गिरफ्तारी के तुरंत बाद, सेना की संपत्तियों और प्रतिष्ठानों पर हमले किए गए, जबकि सेना विरोधी नारे लगाए गए। ये बदमाश अपने सीमित और स्वार्थी उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए राष्ट्र की भावनाओं को भड़काते हैं और दूसरी ओर, वे लोगों को धोखा देते हैं।
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सेना के धैर्य की तारीफ की
आईएसपीआर प्रमुख ने पाकिस्तानी सेना की तारीफ करते हुए यह कहा कि हमने देश के व्यापक हित में अपनी प्रतिष्ठा की परवाह न करते हुए धैर्य और संयम दिखाया और अत्यधिक सहिष्णुता का परिचय दिया। नापाक योजना के तहत बनाई गई इस स्थिति के साथ, सेना को तत्काल प्रतिक्रिया देने के लिए एक जघन्य प्रयास किया गया, जिसका इस्तेमाल अपने नापाक राजनीतिक उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है।
सेना ने दंगाइयों को अंजाम तक पहुंचाने की कसम खाई
आईएसपीआर ने कहा कि विरोध प्रदर्शनों में शामिल सूत्रधारों, योजनाकारों और राजनीतिक कार्यकर्ताओं की पहचान कर ली गई है। उनके खिलाफ कानून के अनुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी और ये सभी दुष्ट तत्व अब परिणामों के लिए जिम्मेदार होंगे। सभी कानून प्रवर्तन एजेंसियों, सैन्य और राज्य प्रतिष्ठानों और संपत्तियों सहित सेना पर किसी भी हमले का कड़ा जवाब दिया जाएगा, जिसकी जिम्मेदारी इसी समूह पर होगी जो पाकिस्तान को गृहयुद्ध में धकेलना चाहता है और इसे कई बार व्यक्त कर चुका है।