टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक़, भारत के सबसे लंबे समुद्री पुल पर आख़िरी डेक डालने का काम 25-26 मई तक पूरा हो जायेगा। इससे मुंबई और नवी मुंबई के बीच यात्रा के समय में 20 मिनट की कटौती हो जायेगी।
16.5 किलोमीटर लंबा मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक, जिसे सेवरी-न्हावा शेवा ट्रांस हार्बर लिंक भी कहा जाता है, मुंबई को नवी मुंबई से जोड़ेगा। पूरा होने पर इससे प्रतिदिन 70,000 वाहन चला करेंगे।
TOI की रिपोर्ट में मुंबई मेट्रोपॉलिटन कमिश्नर एसवीआर श्रीनिवास के हवाले से कहा गया है कि एक बार डेक को लॉन्च करने का काम पूरा हो जाने के बाद वॉटरप्रूफिंग, डामरीकरण और सी लिंक पर क्रैश बैरियर के निर्माण पर ज़ोर दिया जायेगा।
मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी (MMRDA) ने मानसून से पहले इस निर्माण कार्य को तेज़ कर दिया है, क्योंकि इस समय ख़राब मौसम आ जाता है और सामग्री और उपकरणों को स्थानांतरित करना मुश्किल हो जाता है।
श्रीनिवास ने कहा कि प्राधिकरण सीसीटीवी कैमरे, लैंप पोस्ट और टोल इंफ्रास्ट्रक्चर लगाने पर भी काम करना शुरू कर देगा।
यह ओपन रोड टोलिंग (ओआरटी) प्रणाली वाला भारत का पहला समुद्री पुल भी होगा, जिस पर मोटर चालक टोल बूथ से तेज गति से टोल भुगतान करने के लिए धीमा किए बिना ड्राइव कर सकते हैं।
MMRDA आर्टिफ़िशियल इंटेलीजेंस आधारित कैमरे लगाने की भी योजना बना रहा है, जो नियंत्रण कक्ष को वाहन के दुर्घटनाग्रस्त होने के दरम्यान पैदा होने वाले व्यवधान के बारे में जागरूक करेगा और अधिकारी आपातकालीन लेन से किसी भी वाहन को तुरंत हटाया जा सकता है, ताकि पुल पर कोई ट्रैफ़िक जाम न हो।
लगभग 18,000 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक (एमटीएचएल) पर निर्माण कार्य 2018 में शुरू हुआ था। यह पुल मुंबई और गोवा, पुणे और नागपुर जैसे अन्य स्थानों के बीच यात्रा के समय में भी कटौती करेगा।