राहुल गांधी शायद इस बात से अनजान हों, लेकिन पाकिस्तान के जमात-ए-इस्लाम (JeI) और मुस्लिम ब्रदरहुड से जुड़े मोर्चों से सम्बद्ध चरमपंथी 4 जून को कांग्रेस नेता के न्यूयॉर्क कार्यक्रम की मेज़बानी करने वालों में शामिल हैं।
खोजी वेबसाइट डिसइंफ़ो लैब के ट्विटर हैंडल के मुताबिक़, गांधी के साथ एनआरआई की बातचीत रविवार को न्यूयॉर्क के जेविट्स सेंटर में होगी।
Prominent Indian politician Shri Rahul Gandhi, during his proposed #RahulInUSA tour,would attend several public events. He may not know, but some ‘coordinators’ who are claiming to be associated with events are Pak Jamaat-e-Islami & Muslim Brotherhood-linked fronts
A Thread pic.twitter.com/pqaHO6n31L
— DisInfo Lab (@DisinfoLab) May 30, 2023
लेकिन इन कार्यक्रमों के कॉर्डिनेटरों की सूची में कुछ ऐसे लोग भी हैं, जिनका सम्बन्ध भारत विरोधी चरमपंथियों से हैं। उदाहरण के लिए, कॉर्डिनेटरों में तंजीम अंसारी, वही आमिर हैं,जो आउटरीच कमेटी ऑफ मुस्लिम कम्युनिटी ऑफ़ न्यू जर्सी (MCNJ) में शामिल हैं। एमसीएनजे का नेतृत्व पाकिस्तान में जन्मे इमाम जवाद अहमद कर रहे हैं। डिसिन्फ़ो लैब के निष्कर्षों से पता चलता है कि अहमद इस्लामिक सर्किल ऑफ़ नॉर्थ अमेरिका (आईसीएनए) के परियोजना निदेशक हैं।
Prominent Indian politician Shri Rahul Gandhi, during his proposed #RahulInUSA tour,would attend several public events. He may not know, but some ‘coordinators’ who are claiming to be associated with events are Pak Jamaat-e-Islami & Muslim Brotherhood-linked fronts
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आईसीएनए का एक कट्टरपंथी इस्लामवादी संगठन के पाकिस्तान के जेआई के साथ संबंध हैं, अंसारी और अहमद का इस भारत विरोधी संगठन के साथ संबंध स्थापित करते हैं, जिसने हिजबुल मुजाहिदीन जैसे संगठन का महिमामंडन किया है और अपने नेता सैयद सलाहुद्दीन की ” भारत से कश्मीर को अलग करने के मक़सद” को पाने की कोशिश करने की प्रशंसा की है”
The event (June 4) in New York is coordinated, among others, by Tanzeem Ansari, who is the Amir Outreach Committee of Muslim Community of New Jersey (MCNJ). MCNJ is led by a Pakistan-born Imaam Jawad Ahmed, Project Director of Islamic Circle of North America (ICNA).
(2/10) pic.twitter.com/f19jDtK8qe
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बताया जाता है कि इस कार्यक्रम के एक अन्य कॉर्डिनेटर ट्विटर थ्रेड मोहम्मद असलम है। असलम मुस्लिम सेंटर ऑफ़ ग्रेटर प्रिंसटन (एमसीजीपी) का सदस्य है, जो जाहिर तौर पर आईसीएनए का एक और करीबी सहयोगी है। प्रतिबंधित कट्टरपंथी समूह स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के संस्थापक भी इसस आईसीएनए के सदस्य हैं।
#ICNA is a radical Islamist org, associated with Pak's Jamaat-e-Islami, & tows Pak's line against India & has linkages with radical & terror orgs. They glorify terrorists such as Hizbul Mujahideen chief Syed Salahuddin for his “cause of separation of Kashmir from India.”
(3/10) pic.twitter.com/fo4btoGLZb
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इसके अलावा, आरजी इवेंट के लिए एक अन्य स्वयंभू कॉर्डिनेटर मिन्हाज ख़ान, भारत विरोधी पैरवी समूह इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल (आईएएमसी) से जुड़ा हुआ है। डिसिन्फ़ो लैब के निष्कर्षों से पता चलता है कि IAMC मानव अधिकारों, धार्मिक स्वतंत्रता, और भारत में सांप्रदायिक अशांति फैलाने के लिए नकली समाचार साझा करने के बहाने भारत को लगातार निशाना बनाता है।
Another coordinator of the eventis Mohammed Aslam a member of Muslim Center of Greater Princeton (MCGP), another close partner of ICNA. Banned radical group #SIMI founder is also ICNA member. Fronts like #JusticeForAll; #HhRD operate under ICNA/ Jamaat umbrella.
(4/10) pic.twitter.com/QAFrav9gz6
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इस थ्रेड में कहा गया है कि IAMC ने अमेरिकी लॉबी फ़र्म को 2013-14 में डॉ. मनमोहन सिंह सरकार के दौरान भारत के ख़िलाफ़ अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग (USCIRF) की पैरवी करने के लिए 55K डॉलर का भुगतान किया था।
Another self-appointed coordinator for event, Minhaj Khan is linked to anti-India lobbying group Indian American Muslim Council(IAMC). IAMC relentlessly targets India on pretext of human rights, religious freedom, & via sharing fake news to stir communal unrest in India.
(5/10) pic.twitter.com/nbuA43jqSG
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IAMC के कार्यकारी निदेशक रशीद अहमद एक अन्य जमात से संबद्ध ‘चैरिटी’ फ्रंट इस्लामिक मेडिकल एसोसिएशन ऑफ नॉर्थ अमेरिका (IMANA) के कार्यकारी निदेशक हैं, जिसने भारत की सद्भावना का फ़ायदा उठाया है और भारत की मदद करने के नाम पर चरम कोविड के दौरान लाखों डॉलर जुटाये थे, लेकिन सभी पैसों का गबन कर लिया था।
IAMC had engaged US lobby firm, paying them USD 55K Dollars for Lobbying the USCIRF against India in 2013-14, during Dr. Manmohan Singh Govt itself.
(6/10) pic.twitter.com/OeT3YlbCge
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Fun Fact: IMANA at one end is associated with retired Pakistani Army/ Naval officials; & at another end associated with Terrorists groups – LeT & Hizbul Mujahideen. Full spectrum of Pakistani establishment. One can only imagine where the Covid relief fund has gone.
(8/10) pic.twitter.com/EillOfCCqS
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भारत में सत्ता में कौन सी पार्टी है,इस बात की परवाह किए बिना ये मोर्चे लगातार भारत विरोधी गतिविधियों को आगे बढ़ाते रहते हैं।