यह एक बेहद असाधारण बात थी कि एक नेपाली शेरपा ने एक मलेशियाई पर्वतारोही को माउंट एवरेस्ट के उस “डेथ ज़ोन ” से बचा लिया, जो दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर 8,000 मीटर से ऊपर का क्षेत्र है।
द इंडिपेंडेंट की एक रिपोर्ट के अनुसार, 36 वर्षीय गेलजे शेरपा 18 मई को एक चीनी ग्राहक के साथ शिखर पर जा रहे थे, जब उन्होंने उस मलेशियाई पर्वतारोही को देखा, जो हिलने-डुलने में असमर्थ था और अत्यधिक ठंड में बुरी तरह कांप रहा था।
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गेलजे मौके पर पहुंचे और क़रीब छह घंटे तक पर्वतारोही को अपनी पीठ पर उठा कर ले गए और उसे चिकित्सा सहायता के लिए एक निचले शिविर में ले आये। इस बचाये जाने की क़वायद को एक “अत्यंत दुर्लभ” उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है, जहां वायुमंडलीय ऑक्सीज़न इतनी कम होती है कि मानव शरीर में कोशिकायें अतिरिक्त ऑक्सीज़न की मदद के बिना मरने लगती हैं।
गेलज़ा ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट किया और घटना के बारे में बताया: “आप सभी सोच रहे होंगे कि इस शिखर मिलन की तस्वीर कहां की है ? दुर्भाग्य से अभी तक कोई शिखर मिलन नहीं हुआ है। हमारे शिखर मिलन के दौरान बालकनी में लगभग 8,300 मीटर की दूरी पर मैंने किसी को ख़तरे में देखा। एक आदमी जिसे बचाने की ज़रूरत थी और कोई और मदद नहीं कर रहा था। मैंने अपने ग्राहकों के शिखर मिलन को रद्द करने का निर्णय लिया, ताकि मैं उसे वहां अकेले मरने से पहले सुरक्षा के लिए नीचे ला सकूं। मैं उसे खुद कैंप 4 तक ले गया, जहां से एक बचाव दल ने मदद की। मैं एक विशाल कार्य से ऊर्जा प्राप्त करने के बाद जल्द ही पहाड़ पर वापस आऊंगा, लेकिन मुझे यह कहते हुए बहुत ख़ुशी हो रही है कि वह जीवित हैं और अस्पताल में स्वास्थ्य लाभ कर रहे हैं।