Indian Railway: भारतीय रेल का नेटवर्क जितना बड़ा है, उतने ही इससे जुड़े फैक्ट्स भी हैं। रेलवे से जुड़े हर साइन बोर्ड का, हर निशान का, हर सिग्नल का खास काम होता है। रेलवे की हर चीज एक दूसरे से जुड़ी है। विशाल नेटवर्क वाला रेलवे (Railway) कई तरह से ट्रेनों का संचालन करता है। यात्री और मालगाड़ी ट्रेन भी कई तरह के होते हैं। आज इन्हीं में से एक ट्रेन NMG ट्रेन की बात करेंगे। बहुत बार आपके सामने से बिना खिड़की, बिना दरवाजे वाली ये ट्रेन गुजरी होगी। आपके दिमाग में ये सवाल भी उठा होगा कि जब ट्रेन में खिड़की दरवाजे ही नहीं है तो फिर चल क्यों रही है। आज इस NMG ट्रेन में बारे में सबकुछ जानते हैं।
NMG ट्रेन क्या है?
NMG यानी New Modified Goods ट्रेन। ये एक तरह मालगाड़ी होती है, जो बाकी मालगाड़ियों की तरह एक राज्य से दूसरे राज्य तक सामान की ढुलाई करती है। एनएमजी ट्रेन बाकी मालगाड़ियों से थोड़ी अलग होती है। देखने में ये बिल्कुल पैसेंजर ट्रेन की तरह ही होती है, लेकिन इसके सारे खिड़की-दरवाजे बंद होते हैं। यात्री ट्रेनों से ही इस ट्रेन के रैक तैयार किए जाते हैं। NMG ट्रेन में तब्दील होने पर इसकी पीरियोडिक ओवरहॉलिंग बढ़ जाती है। इसकी स्पीड 75 किमी प्रति घंटे की होती है।
NMG ट्रेन क्यों बनाई जाती है?
रेलवे की पैसेंजर ट्रेनों में सेवाएं देने वाले ICF कोच कोडल लाइफ अधिकतम 20 से 25 साल होती है। कई ट्रेनों के आईसीएफ कोच तो 20 साल में ही सेवा देने के दायक नहीं रहते हैं। ऐसे में इन कोच को सर्विस से फ्री कर दिया जाता है। यात्री सर्विस से फ्री होने के बाद ये कोच पीओएच यानी Periodic Overhauling के लिए भेजे जाते हैं। वहां उन्हें ऑटो कैरियर में बदल दिया जाता है। इन्हें NMG ट्रेन का नाम दिया जाता है।
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खिड़की-दरवाजे क्यों बंद होते हैं
NMG ट्रेनों की खास पहचान है कि इसमें सारी खिड़की दरवाजे बंद होते हैं। पैसेंजर ट्रेनों के रिटायर कोच के मोडिफिकेशन के बाद इन्हें तैयार किया जाता है। इसलिए इसके सभी खिड़की-दरवाजे बंद कर आखिरी में दरवाजे लगाया जाता है। जहां से सामान को उतारने और चढ़ाने में आसानी होती है। वहीं खिड़की-दरवाजे बंद होने से कोई भी व्यक्ति ट्रेन में रखे सामान से छेड़छाड़ नहीं कर सकता है।
क्या है इनका इस्तेमाल
इस एनएमजी ट्रेनों के जरिए खास तौर पर कार या ट्रैक्टर को ढोया जाता है। इन ट्रेनों में खासकर इन्हीं चीजों की ढुलाई होती है। एक राज्य से दूसरे राज्यों तक माल ढुलाई में इन ट्रेनों का खास रोल रहता है।