रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज कहा कि भारतीय रेलवे ने देश भर के सभी स्टेशनों पर आधुनिक मानक संकेतों को अपनाने का फ़ैसला किया है।इस समय 17 जोन और 68 मंडलों में 7300 से अधिक रेलवे स्टेशन हैं, जिनमें विभिन्न प्रकार के साइन हैं, जिससे अक्सर यात्री भ्रमित हो जाया करते हैं।
स्टेशनों के नामों का प्रदर्शन अब पूरे देश में एक ही मानक पर होगा।
मंत्री ने स्टेशनों पर मानक साइन पर एक पुस्तिका जारी की, जिसमें उन्होंने कहा कि सरल भाषा, स्पष्ट फ़ॉन्ट, आसानी से दिखने वाले रंग और सहज चित्रलेख को प्राथमिकता दी जाती है। इसे बुज़ुर्गों, महिलाओं, बच्चों और दिव्यांगजन समेत सभी यात्रियों की ज़रूरतों को ध्यान में रखकर बनाया गया है।
इन साइन के रंग, फोंट के प्रकार और आकार को मानकीकृत किया गया है। तेज़ी से रास्ता खोजने वाले साइन के समूहीकरण की अवधारणा को पेश किया गया है। तिरंगे पृष्ठभूमि के साथ स्टेशन के नाम प्रदर्शित करने वाले नए तृतीयक बोर्ड पेश किए गए हैं। मुख्य निर्णय लेने वाले बिंदुओं पर सहज ज्ञान युक्त रास्ता खोजने और साइन की उपलब्धता पर ज़ोर दिया गया है। वहीं संकेतों के मानकीकरण पर बल दिया गया है, मजबूत वास्तु शब्दावली वाले स्टेशनों के मामले में लचीलेपन की आवश्यकता को भी मान्यता दी गयी है।
मंत्री ने रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और सदस्यों की उपस्थिति में इस पुस्तिका का विमोचन किया, जबकि ज़ोनल रेलवे के महाप्रबंधक भी वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से इस कार्यक्रम में शामिल हुए।
वैष्णव ने कहा, “भारतीय रेलवे देश भर में रेलवे स्टेशनों को विकसित करके नये भारत की नयी पहचान बना रहा है। भारतीय रेलवे अब ‘अमृत भारत स्टेशन योजना’ के तहत पूरे भारत में 1275 स्टेशनों का पुनर्विकास कर रहा है।”
उन्होंने कहा,“जैसा कि आप सभी जानते हैं, माननीय प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारतीय रेलवे रेलवे स्टेशनों पर यात्री सुविधाओं को बढ़ाने के लिए अथक प्रयास कर रहा है। यह महसूस किया गया कि स्टेशनों पर साइन पर मानक दिशानिर्देश जारी किए जायें, जो कि सुसंगत और पर्याप्त हों।
किसी भी अन्य रेल नेटवर्क की तुलना में भारतीय रेलवे के पास दुनिया में सबसे ज़्यादा स्टेशन हैं। ऐसे में यह महत्वपूर्ण है कि प्रत्येक यात्री को मानक साइन होने से सुविधायें आसानी से मिले ।
अमृत भारत स्टेशन योजना
रेल मंत्रालय ने “अमृत भारत स्टेशन” योजना नाम से स्टेशनों के आधुनिकीकरण के लिए एक नयी नीति तैयार की है। इस योजना में दीर्घकालिक दृष्टिकोण के साथ निरंतर आधार पर स्टेशनों के विकास की परिकल्पना की गयी है। यह स्टेशन की ज़रूरतों और संरक्षण के अनुसार दीर्घकालिक मास्टर प्लान और मास्टर प्लान के तत्वों के कार्यान्वयन पर आधारित है। यह योजना मुख्य रूप से सुरक्षित, सुविधाजनक और स्वच्छ रेलवे परिसर प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करेगी।
तीन रेलवे स्टेशनों अर्थात् रानी कमलापति, गांधीनगर कैपिटल और सर एम. विश्वेश्वरैया टर्मिनल को चालू कर दिया गया है। इन तीन स्टेशनों के अनुभव के आधार पर अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत चुने गए 1275 स्टेशनों में प्रमुख शहरों और पर्यटन और तीर्थ महत्व के स्थानों में स्थित स्टेशन शामिल हैं। 88 स्टेशनों पर काम चल रहा है। 1187 स्टेशनों के लिए निविदा और योजना प्रगति पर है।