केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार को कहा कि उनका लक्ष्य ओडिशा के बालेश्वर में शुक्रवार, 2 जून को हुए भीषण ट्रिपल ट्रेन हादसे के बाद लापता लोगों के परिवार के सदस्यों को जल्द से जल्द ढूंढ़ना है।
वैष्णव ने रविवार रात संवाददाताओं से कहा, “हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि लापता लोगों के परिवार के सदस्य उन्हें जल्द से जल्द ढूंढ सकें… हमारी ज़िम्मेदारी अभी ख़त्म नहीं हुई है।” उन्होंने एक मालगाड़ी के चालक दल को हाथ हिलाया और सुरक्षित यात्रा के लिए प्रार्थना की, क्योंकि बालेश्वर में भयानक ट्रिपल ट्रेन दुर्घटना के 51 घंटे बाद अप और डाउन दोनों लाइनों पर क्षतिग्रस्त पटरियों की मरम्मत के बाद सेवायें फिर से शुरू हो गयी हैं, जिसमें कम से कम 275 लोगों की मौत हो गयी थी और 1,000 से अधिक लोग घायल हो गये थे।
Up-line train movement also started. pic.twitter.com/JQnd7yUuEB
— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) June 4, 2023
रविवार को एएनआई से बात करते हुए रेलमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इस आशय के निर्देश भेजे जाने के तुरंत बाद क्षतिग्रस्त पटरियों के पुनर्निर्माण का काम शुरू हो गया है।
“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेलवे पटरियों की बहाली पर अपनी सलाह और निर्देश दिए। पूरी टीम (पुनर्स्थापना कार्य में शामिल) ने सेवाओं को फिर से शुरू करने के लिए क्षतिग्रस्त पटरियों को ठीक करने के लिए लगन और व्यवस्थित रूप से काम किया।”
रेलमंत्री ने कहा कि ट्रेन के पटरी से उतरने की घटना के 51 घंटे बाद सेवा शुरू करने से पहले दोनों लाइनों का पुनर्निर्माण और परीक्षण किया गया ।
#WATCH | Balasore, Odisha: Train movement resumes in the affected section where the horrific #BalasoreTrainAccident happened that claimed 275 lives. Visuals from Bahanaga Railway station. pic.twitter.com/Onm0YqTTmZ
— ANI (@ANI) June 4, 2023
इससे पहले वैष्णव ने कहा कि यह दुर्घटना “इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग में बदलाव” के कारण हुई।
ट्रिपल ट्रेन दुर्घटना में बालेश्वर ज़िले के बहनगा बाज़ार स्टेशन पर तीन अलग-अलग पटरियों पर बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफ़ास्ट एक्सप्रेस, कोरोमंडल एक्सप्रेस और मालगाड़ी शामिल थी।
ओडिशा के मुख्य सचिव प्रदीप जेना ने रविवार को स्पष्ट किया कि इस भयानक दुर्घटना में मरने वालों की संख्या 288 से संशोधित कर 275 कर दी गयी थी, क्योंकि यह पाया गया था कि कुछ शवों की दो बार गिनती की गयी थी।
मंत्रालय ने कहा कि क्षतिग्रस्त पटरियों की बहाली के लिए 1000 से अधिक श्रमिकों को सेवा में लगाया गया था, साथ ही 7 से अधिक पोकलेन मशीनें, दो दुर्घटना राहत ट्रेनें और 3-4 रेलवे और सड़क क्रेन भी इस उद्देश्य के लिए तैनात किए गये हैं।