जिस पाकिस्तान ने अफगानिस्तान की जंग में रूस (Russia) को धक्का मारकर निकालने के लिए अमेरिका का साथ दिया, अब उस पाकिस्तान से गले मिलने के लिए रूस बेकरार है। पहली बार पाकिस्तान को कच्चे तेल की सप्लाई करने के बाद रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने ऊर्दू में बोलकर पाकिस्तान और रूस के संबंधों की सराहना की है। उन्होंने कहा है कि उनका देश पाकिस्तान के साथ मजबूत और विस्तृत रिश्ते चाहता है।
लावरोव का यह बयान सोमवार को रूस-पाकिस्तान संबंधों के 75 साल पूरे होने के मौके पर आया है। एक वीडियो के माध्यम से उन्होंने जो बात कही, उसे पाकिस्तान की मीडिया में काफी तवज्जो मिली है। कुछ इसी तरह का बात पाकिस्तानी विदेश मत्री बिलावल भुट्टो ने भी अल जजीरा को दिए इंटरव्यू में कही है। दिलचस्प बात है कि दोनों ही देशों के रिश्ते शीत युद्ध के समय से ही काफी खराब थे।
दोनों देशों ने एक ऐतिहासिक समझौते को साइन किया
पाकिस्तान और रूस (Russia) के रिश्तों में पिछले कुछ समय से काफी सकारात्मक बदलाव देखने को मिल रहा है। दोनों ही देशों की तरफ से बेहतर संबंधों की बात अक्सर दोहराई जा रही है। दोनों देश अपनी वर्षों की शांत कूटनीति को अब नतीजों में बदलने की कोशिशें करने लगे हैं। अप्रैल में, दोनों देशों ने एक ऐतिहासिक समझौते को साइन किया था। इस समझौते के बाद ही पाकिस्तान को पिछले दिनों रूस से तेल की पहली खेप पहुंची है।
PAK के साथ पुतिन का यह कैसा दोस्ताना?
रूस (Russia) से आया तेल पाकिस्तान के लिए फायदेमंद होगा या नहीं, इसका अनुमान लगाने के लिए ही पहली खेप को पाकिस्तान भेजा गया है। रूस ने काफी रियायती दरों पर यह पहली खेप पाकिस्तान को दी है। लावरोव ने एक वीडियो मैसेज में कहा, ‘हम रूस और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के लिए पाकिस्तानी लोगों की रुचि और सम्मान के बारे में जानते हैं। हम इसकी बहुत सराहना भी करते हैं।
“पाकिस्तान-रूस” दोस्ती ज़िंदाबाद
उन्होंने आगे कहा कि पिछली तीन-चौथाई सदी में द्विपक्षीय संबंधों में काफी उतार-चढ़ाव देखा गया है। मगर इसके बाद उन्होंने कहा कि रूस हमेशा से पाकिस्तान के साथ सहयोग बढ़ाने में रुचि रखता था। उसने किसी भी परिस्थिति में अपनी प्रतिबद्धताओं को नहीं छोड़ा है। लावरोव के मुताबिक रूस लोगों की सांस्कृतिक और सभ्यतागत विविधता और उनके राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक विकास के रास्ते खुद तय करने के उनके अधिकार का सम्मान करता है।
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लावरोव की मानें तो रूस उन नैतिक मूल्यों को समझता है जो मोहम्मद अली जिन्ना के विश्वास, एकता और अनुशासन के सिद्धांतों के अनुरूप है। उनके मुताबिक रूस अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान के साथ रचनात्मक सहयोग को बहुत महत्व देता है। वीडियो के अंत में उन्होंने पाकिस्तान रूस दोस्ती ज़िंदाबाद के नारे लगाए।