जब ब्रिटेन की पुलिस ने पाकिस्तानी सरकार के एक अनुरोध पर सेवानिवृत्त पाकिस्तानी सेना अधिकारी और लोकप्रिय YouTuber आदिल राजा को गिरफ़्तार किया और बाद में रिहा कर दिया, तो इस पर बहुत सारे लोगों की नज़रें गयीं और अटकलें भी लगायी जाने लगीं।
अब यह पता चला है कि उसे पाकिस्तानी सरकार के अनुरोध पर आतंकवाद अधिनियम, 2000 की ब्रिटेन की धारा 59 के तहत काउंटर-टेररिज्म पुलिसिंग साउथ ईस्ट (सीटीपीएसई) द्वारा आतंकवाद के अपराधों को लेकर गिरफ़्तार किया गया था। राजा के वकील महताब अज़ीज़ ने भी इस बात की पुष्टि कर दी कि लंदन में पुलिस की यह कार्रवाई पाकिस्तान द्वारा ब्रिटेन से शिकायत किये जाने के बाद हुई है।
हालांकि, यह लोकप्रिय YouTuber पूर्वप्रधान मंत्री इमरान खान के क़रीबी है।राजा को सितंबर तक की ज़मानत दे दी गयी है, पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, उनके ख़िलाफ़ आतंकवाद के आरोपों से संबंधित ब्रिटिश जांच जारी रहेगी।
पाकिस्तानी दैनिक, द न्यूज इंटरनेशनल ने लंदन से रिपोर्ट दी कि राजा पर ब्रिटिश क़ानूनों के तहत मुकदमा चलाया जा रहा है, जिसके तहत विदेशों में आतंकवाद को उकसाना एक ऐसा ही कार्य माना जाता है, जिसे कि यूके में अंजाम दिया गया है।
इस अख़बार ने ब्रिटेन में रहने वाले एक वकील, उमर अली को उद्धृत करते हुए कहा है: “यदि कोई व्यक्ति किसी और को यूनाइटेड किंगडम के बाहर आतंकवाद का कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करता है, तो उसने अपराध किया है। वे जिस कृत्य के लिए उकसाते हैं, अगर यह इंग्लैंड और वेल्स में किया गया हो,तो वह निश्चित ही इन अपराधों के समान होना चाहिए, जैसे कि हत्या या इरादतन नुकसान पहुंचाना। यदि कोई इस अपराध का दोषी पाया जाता है, तो उसे उसी दंड का सामना करना पड़ेगा, जैसे कि उसने स्वयं उस अपराध को किया हो। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि उकसाया जा रहा व्यक्ति यूके में रहता है या नहीं।”
पाकिस्तानी सेना ने 9 मई को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान के समर्थकों द्वारा सेना की संपत्तियों और परिवारों को निशाना बनाने के विरोध में पाकिस्तान के अंदर और बाहर के लोगों पर बड़े पैमाने पर कार्रवाई शुरू की है। राजा ख़ान के प्रति कट्टर रूप से वफ़ादार माने जाने वाले डायस्पोरा उस ताक़त का हिस्सा हैं, जिसे शहबाज़ शरीफ़ की सरकार तोड़ना चाहती है।
राजा ने आतंकवाद के अपराधों में संलिप्तता से इनकार किया है और कथित तौर पर ब्रिटिश पुलिस को बताया है कि वह पाकिस्तान सरकार की मनमानी का शिकार है।
अपने एक ताजा ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘असहमति और लोकतंत्र की आवाज़ों के ख़िलाफ़ पाकिस्तानी सरकार द्वारा उत्पीड़न जारी है। यह एक अंतर्राष्ट्रीय “विच हंट/फिशिंग” दुस्साहस का संचालन करने के वाली सरकार के संसाधनों के दुरुपयोग और हेरफेर का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
The harassment by the Pakistani state against voices of dissent and democracy continues. It's a classic example of the misuse and manipulation of the state resources to conduct an international “witch hunt/fishing” misadventure.
@Twitter @elonmusk @amnestysasia pic.twitter.com/ipTitvfIQL— Adil Raja (@soldierspeaks) June 16, 2023
उन्होंने अपने पाकिस्तान विरोधी ट्वीट्स में मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी एशिया के अलावा ट्विटर और इसके सीईओ एलोन मस्क को टैग करते हुए पाकिस्तान के ख़िलाफ़ अपने अभियान को जारी रखा है।
यूके पुलिस द्वारा अपनी रिहाई के बाद एक अन्य ट्वीट में राजा ने कहा कि वह “… वास्तविक परिवर्तन लाने के एकमात्र तरीक़े के रूप में लोगों के शांतिपूर्ण विरोध के लोकतांत्रिक अधिकार की वकालत करना जारी रखेंगे। शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों का एक समूह परिवर्तन प्राप्त कर सकता है, जो कि हिंसक विरोध नहीं कर सकता, क्योंकि हिंसा केवल अनुत्पादक हो सकती है।