New Electricity Rules: बिजली बिल को लेकर केंद्र सरकार ने आज यानी शुक्रवार को बड़ा बदलाव किया है। बिजली की जो सामान्य दरें है, दिन में उससे करीब 10-20 फीसदी रेट पर बिजली मिल सकती है। केंद्र सरकार ने आज इलेक्ट्रिसिटी रूल्स, 2020 में संशोधन किया है और मौजूदा पावर सिस्टम में दो अहम बदलाव किया है। इसके तहत टाइम ऑफ डे (ToD) टैरिफ सिस्टम को लागू किया और स्मार्ट मीटर से जुड़े प्रावधान भी आसान किए गए हैं। पावर मिनिस्ट्री ने एक प्रेस रिलीज के जरिए इन बदलावों की जानकारी दी है।
ऐसे में 10 किलोवॉट या इससे अधिक की अधिकतम मांग वाले कॉमर्शियल और इंडस्ट्रियल कंज्यूमर्स के लिए यह टैरिफ 1 अप्रैल 2024 से और किसानों को छोड़कर बाकी कंज्यूमर्स के लिए 1 अप्रैल 2025 से लागू होगा। वहीं स्मार्ट मीटर वाले कंज्यूमर्स के लिए यह टैरिफ स्मार्ट मीटर लगने के तुरंत बाद लागू हो जाएगा। संशोधनों के मुताबिक अब एक ही रेट की बजाय बिजली की दरें समय के अनुसार अलग-अलग होगी। टाइम ऑफ डे टैरिफ सिस्टम के तहत सौर घंटों यानी जब सूर्य के आसमान में रहने का समय होता है, उस दौरान इसकी दरें सामान्य टैरिफ से 10 से 20 फीसदी कम होगा।
वहीं पावर सिस्टम को फायदा यह है कि सस्ती बिजली मिलने पर दिन में इसकी खपत बढ़ेगी और रात में घटेगी। सौर घंटों यानी दिन में बिजली सौर ऊर्जा की है जो सस्ती पड़ती है जबकि दूसरी तरफ गैर-सौर घंटों के दौरान थर्मल और जल विद्युत के साथ-साथ गैस आधारित क्षमता का उपयोग किया जाता है और इसकी लागत सौर ऊर्जा की तुलना में अधिक होती है।
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स्मार्ट मीटर से जुड़े नियम में क्या हुआ बदलाव
केंद्र सरकार (Central government) ने अधिकतम सैंक्शन किए हुए लोड या डिमांड से ज्यादा उपयोग पर पेनाल्टी को घटा दिया है। मीटरिंग प्रावधान में संशोधन के अनुसार स्मार्ट मीटर लगवाने के बाद इससे पहले के पीरियड में जो अधिकतम डिमांड दिखेगी, उसके आधार पर कंज्यूमर्स पर कोई पेनाल्टी नहीं लगेगी। इसके अलावा लोड में बदलाव की प्रक्रिया को भी आसान किया गया है। इसके तहत अधिकतम मांग को केवल तभी बढ़ाया जाएगा जब स्वीकृत लोड एक वित्त वर्ष में कम से कम तीन बार से अधिक हो गया हो।