क़र्ज़ में डूबे पाकिस्तान (Pakistan) की हालात बद से बदतर हो रही है। जिन्नालेंड की जनता खून के आंसू रो रही है। हालत यह हो गई है की पाकिस्तान की अवाम आत्महत्या करने पर मजबूर हो गई है। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक देश में बिजली की कीमत 64 रुपये प्रति यूनिट तक पहुंच गई है। रेकॉर्ड महंगाई के बीच बिजली की बढ़ती कीमतों ने जनता की कमर तोड़ दी है। यही वजह है कि राजनीतिक अनिश्चितता के बीच बिजली बिल को लेकर पूरे देश में भारी विरोध प्रदर्शन हो रहा है। देश के कई इलाकों में तो हिंसा भी शुरू हो गई है और बिजली चोरी की घटनाएं भी बहुत बढ़ती जा रही हैं।
आईएमएफ से 3 अरब डॉलर का कर्ज
कंगाल हो चुकी पाकिस्तान (Pakistan) की सरकार ने आईएमएफ से 3 अरब डॉलर का कर्ज लिया है ताकि देश को डिफॉल्ट होने से बचाया जा सके। अब आईएमएफ की शर्तों के मुताबिक पाकिस्तान की सरकार को बिजली की दरों में भारी बढ़ोत्तरी करनी पड़ी है। पाकिस्तान में हो रहे भारी विरोध प्रदर्शन को देखते हुए केयर टेकर प्रधानमंत्री अनवार उल हक काकर ने एक आपात बैठक बुलाई और 48 घंटे के अंदर बिजली की दरों में कमी लाने के लिए कहा है। हालांकि उन्होंने तत्काल कमी करने का ऐलान नहीं किया है।
आत्महत्या को मजबूर हुई जनता
पाकिस्तान (Pakistan) के केयर टेकर पीएम ने कहा कि हम हड़बड़ी में कोई ऐसा कदम नहीं उठाएंगे जिससे देश को नुकसान पहुंचे। हम ऐसे कदम उठा रहे हैं जिससे हमारे राष्ट्रीय खजाने पर और ज्यादा भार नहीं पड़े। उन्होंने कहा कि यह संभव नहीं है कि जनता परेशानी में जूझ रही है और उच्चाधिकारी तथा पीएम मुफ्त बिजली ले रहे हैं। पाकिस्तान में बिजली के बिल की हालत यह है कि यह कई इलाकों में लोगों की आय से भी ज्यादा हो गई है। पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार कामरान युसूफ के मुताबिक उन्हें 64 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली का बिल देना पड़ रहा है।
पाकिस्तानी अखबार डॉन के मुताबिक जहां पहले जिन लोगों के बिजली के बिल 2 हजार से 2500 तक आते थे, वे अब बढ़कर 10 हजार रुपये से भी ज्यादा हो गए हैं। इससे पहले से ही महंगाई से जूझ रही जनता बेहाल हो गई है। आलम यह है कि बिजली के भारी बिल की वजह से एक व्यक्ति को आत्महत्या करना पड़ गया है।