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क़र्ज़ में डूबे ​Pakistan में जनता का बुरा हाल, बिजली का बिल 20 हजार रुपए पार, विशेषज्ञों ने जताई गृहयुद्ध की आशंका

इस वक्त पाकिस्तान (​Pakistan) बेहद खराब आर्थिक हालात से गुजर रहा है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आवाम को रोजमर्रा चीजों के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। इसका असर उनके आमदनी पर भी बेजोड़ तरीके से पड़ रहा है। इन्हीं सब के बीच पाकिस्तान में बढ़ते बिजली के दामों ने लोगों की कमर तोड़ दी है। इस दौरान पाकिस्तान में बढ़ते बिजली दामों के खिलाफ लोग सड़कों पर उतर कर विरोध प्रदर्शन किए। आक्रोश की वजह से अंतरिम प्रधानमंत्री अनवारुल हक को नोटिस लेने और मुद्दे पर चर्चा के लिए रविवार को इमरजेंसी मीटिंग बुलानी पड़ी थी।

हाल ही में पाकिस्तानी यूट्यूबर शोएब चौधरी ने आवाम के बीच जाकर देश के मौजूदा हालातों पर राय जाननी चाही। इस पर एक पाकिस्तानी (Pakistan) शख्स ने कहा कि हमारे पास A.C तो है लेकिन इसे चलाने का हौसला नहीं है। बिजली के बढ़ते दामों ने हमारा बुरा हाल कर दिया है। आज आलम ये है कि लोग A.C चलाने से पहले 100 बार सोचते हैं। ऐसा न हो की A.C बेचकर बिल न भरनी पड़ जाए।

बिजनेस के हवाले से यूट्यूबर ने बात की तो पाकिस्तानी शख्स ने कहा हमारा देश (Pakistan) जल्द ही दिवालिया हो जाएगा। हमारा देश के सियासतदान चुनाव के समय कश्मीर का मुद्दा लाकर खड़ा कर देते हैं और अपनी राजनीति को चमकाने में लग जाते हैं।

​Pakistan में जनता का बुरा हाल

रावलपिंडी में एक प्रदर्शनकारी ने कहा, ‘इस सरकार ने बुनियादी जरूरत की हर चीज के दाम बढ़ाकर छोटे परिवार वाले आम आदमी के लिए घर का खर्च चलाना असंभव कर दिया है। अब, वे हमें ऊंचे टैरिफ और करों वाले बिल भेजते हैं। एक ऐसे घर की कल्पना करें जिसमें दो पंखे और तीन लाइटें हैं, लेकिन बिल 20000 पाकिस्‍तान रुपयों से अधिक है। यह अस्वीकार्य है और हम तब तक विरोध करेंगे जब तक लोगों का खून चूसने का यह जानबूझकर किया गया प्रयास बंद नहीं हो जाता।’

एक प्रदर्शनकारी ने कहा, ‘एक तरफ न नौकरियां हैं, न कारोबार, सब कुछ महंगा है। और इसके अलावा, वे हमें ऐसे बिल भेजकर जमीन में और भी अधिक दफनाने की कोशिश करते हैं जिनका हम भुगतान नहीं कर सकते। हम इन बिलों, टैरिफों और करों को अस्वीकार करते हैं। हम उन्हें बिल्कुल भी भुगतान नहीं करेंगे और न ही अधिकारियों को हमारी बिजली काटने और हमारे मीटर ले जाने देंगे।’

सरकार कर रही मीटिंग

कई मस्जिदों से भी घोषणाएं की गई हैं, जिसमें स्थानीय लोगों से अपने बिलों का भुगतान न करने और अधिकारियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने की अपील की गई है। स्थिति को ध्यान में रखते हुए, कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवारुल हक काकर ने तेजी से बिगड़ते संकट के समाधान की तलाश में अपने मंत्रिमंडल के साथ बैठकें की हैं। सरकार ने अधिकारियों से अपनी सिफारिशें देने और कैबिनेट को यह बताने के लिए कहा है कि उच्च टैरिफ और करों के मुद्दे से कैसे निपटा जा सकता है।

गृहयुद्ध की तरफ Pakistan

राजनीतिक और आर्थिक विशेषज्ञ सैयद इरफान रजा ने कहा, ‘यह तेजी से पूर्ण अराजकता और अव्यवस्था में बदल सकता है, जो गृहयुद्ध की ओर अग्रसर हो रहा है। नागरिक क्रोधित हैं, आक्रामक हैं, जरूरत पड़ने पर जवाबी कार्रवाई करने और राज्य को चुनौती देने के लिए तैयार हैं। मुद्रास्फीति, करों, टैरिफ और नौकरियों, व्यवसायों और कमाई के अन्य साधनों में लगातार गिरावट ने पाकिस्तानियों के भविष्य को अनिश्चित बना दिया है।’ जेआई प्रमुख सिराजुल हक ने बिजली दरों में बेतहाशा वृद्धि के खिलाफ दो सितंबर को बड़े पैमाने पर देशव्यापी विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है।

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