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नहीं सुधर रहा बिलावल भुट्टो! अब जापान में भारत के खिलाफ उगला जहर

बिलावल भुट्टो ने उगला जहर

शायद ही कोई ऐसा मौका हो जब पाकिस्तान दुनिया के सामने न रोता हो। कभी कश्मीर को लेकर रोता है तो कभी अपने देश में आए आपदा को लेकर। इस वक्त पाकिस्तान कंगाली की हाल में है। अर्थव्यवस्था पूरी तरह से डूबती जा रही है। हालांकि, आधा से ज्यादा मुल्क भी पानी में डूबा हुआ है। पाकिस्तान में बाढ़ के चलते भारी नुकसान हुआ है। लाखों लोग बेघर हो गए हैं। ऐसे में पाकिस्तान अब दुनिया के सामने अपना दुखड़ा रो-रो कर सुना रहा है। हाल ही में जापान के आधिकारिक दौरे पर पहुंचे पाकिस्‍तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो (bilawal bhutto) जरदारी कश्‍मीर पर दुनिया का साथ नहीं मिलने पर बौखला गए हैं। बिलावल भुट्टो ने भारत के खिलाफ जमकर जहर उगला है। पाकिस्‍तानी विदेश मंत्री ने कहा कि जब तक कश्‍मीर का विवाद सुलझ नहीं जाता, तब तक दक्षिण एशिया में शांति नहीं आएगी। उन्‍होंने इस बात पर हताशा जताई कि दुनिया कश्‍मीर में भारत के कदम को लेकर चुप्‍पी साधे हुए है।

इतना ही नहीं बिलावल (bilawal bhutto) ने कहा, पाकिस्‍तान का मानना है कि जब तक जम्‍मू-कश्‍मीर विवाद का आपसी संवाद और संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्‍तावों तथा अंतरराष्‍ट्रीय सिद्धांतों के मुताबिक हल नहीं हो जाता है तब तक दक्षिण एशिया में शांति नहीं आ सकती है।’ कश्‍मीर में आतंकियों को भेजने वाले पाकिस्‍तानी विदेश मंत्री ने दावा किया कि वह एक हल के लिए तैयार हैं लेकिन दक्षिण एशिया में शांति के लिए उन्‍हें कोई भागीदार नहीं मिल रहा है।

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पाकिस्‍तानी विदेश मंत्री की हताशा उस समय साफ झलकी जब उन्‍होंने कहा कि अंतरराष्‍ट्रीय समुदाय कश्‍मीर में भारत के उठाए कदमों पर ‘निराशाजनक चुप्‍पी’ साधे हुए है। बिलावल भुट्टो ने जापान के दुश्‍मन चीन की भी तोक्‍यो में तारीफ कर डाली। उन्‍होंने कहा कि चाइना-पाकिस्‍तान आर्थिक कॉरिडोर से पाकिस्‍तान में कई अवसर पैदा हुए हैं। उनका इशारा था कि जापान भी सीपीईसी से पैदा हुए अवसर का लाभ उठाए। वहीं दुनिया में ब्‍लॉक पॉलिटिक्‍स का दौर एक बार फिर से आता दिख रहा है। उनका इशारा अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते तनाव की ओर था। बिलावल ने कहा कि जापान उनका एक प्रमुख पार्टनर देश है और प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश का स्रोत है। बिलावल भुट्टो ऐसे समय पर जापान पहुंचे हैं जब देश डिफॉल्‍ट होने की कगार पर है और आईएमएफ (IMF) के लोन से सांस ले रहा है।