Pakistan Army: एक कहावत है कि, जब आप जहर बोओगे तो जहर ही काटोगे, अनाज तो नहीं उगेगा। ये लाइन पाकिस्तान पर बिलकुल फिट बैठती है। जिसने भारत के खिलाफ आतंकवाद को जन्म दिया। पाकिस्तान का सिर्फ एक ही मकसद है वो है इन आतंकियों का इस्तेमाल भारत के खिलाफ करना। लेकिन, आज हाल यह है कि, यही आतंकी पाकिस्तान में हमले कर आर्मी की जान ले रहे हैं। इस बीच सेना के टॉप कमांडरों ने एक बार फिर इस बात को दोहराया है कि TTP आतंकियों को अफगानिस्तान में शरण दी जा रही है। आतंकियों को शरण देना पाकिस्तान की सुरक्षा को प्रभावित करने में सबसे प्रमुख कारण है। पाकिस्तानी सेना की मीडिया विंग ISPR ने सोमवार को इससे जुड़ा बयान जारी किया। यह बयान पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर की ओर से एक बैठक की अध्यक्षता के बाद आया है।
पाकिस्तानी सेना ने अपने बयान में कहा था अफगानिस्तान में प्रतिबंधित TTP और उसके जैसे अन्य आतंकी समूहों को शरण देना और उन तक लेटेस्ट हथियारों की पहुंच को पाकिस्तान की सुरक्षा को प्रभावित करने वाले कारणों के रूप में देखा गया है।’ 258वें कोर कमांडर्स कॉन्फ्रेंस (CCC) की मीटिंग के दौरान असीम मुनीर ने TTP से लड़ने की तैयारियों और ट्रेनिंग के पहलुओं पर विचार-विमर्श करने को कहा।
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आतंकियों को मिल रही शरण
वहीं पिछले हफ्ते दो आतंकी हमले में पाकिस्तानी सेना के 12 सिपाही मारे गए थे। इस हमले के दो दिन बाद सेना ने एक बयान में कहा था कि आतंकियों को पड़ोसी मुल्क में शरण मिल रही है, जो चिंता की बात है। इसके साथ ही पाकिस्तान ने इसका बदला लेने की धमकी दी थी। अगस्त 2021 में अफगान तालिबान के सत्ता में पास आने के बाद से पाकिस्तान में आतंकी हमलों में तेजी देखी गई है। एक स्वतंत्र थिंक टैंक पाकिस्तान इंस्टीट्यूट फॉर कॉन्फ्लिक्ट एंड सिक्योरिटी स्टडीज की ओर से जारी डेटा के मुताबिक पाकिस्तान में साल 2023 की पहली छमाही में 79 फीसदी आतंकी गतिविधियां बढ़ी हैं। पाकिस्तान के आरोपों पर रविवार को तालिबान ने रिएक्शन दिया था। तालिबान का कहना था कि पाकिस्तान दोहा समझौते का हिस्सा नहीं है और उसे इस पर नहीं बोलना चाहिए। अपने आरोपों का वह सबूत दे। इससे जुड़ी पूरी खबर यहां क्लिक करके पढ़ें।