Haldia-Varanasi Waterway: कार्गो यातायात में 20.5% बढ़ोत्तरीकेंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में कहा कि गंगा नदी के किनारे राष्ट्रीय जलमार्ग-1 (एनडब्ल्यू-1) पर उत्तर प्रदेश में वाराणसी और पश्चिम बंगाल में हल्दिया के बीच कार्गो यातायात 2021-22 में 10.93 मिलियन टन से बढ़कर 2022-23 में 13.17 मिलियन टन हो गया है, जो कि 20.52% दर्ज किया गया है।
भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (IWAI) 4,633.81 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत पर हल्दिया और वाराणसी (1390 किमी) के बीच NW-1 की क्षमता वृद्धि के लिए जल मार्ग विकास परियोजना (JMVP) लागू कर रहा है। मंत्री ने कहा कि जेएमवीपी का उद्देश्य एनडब्ल्यू-1 की परिवहन दक्षता और विश्वसनीयता को बढ़ाना है।
इस परियोजना में कई घटक शामिल हैं; जैसे कि वाराणसी, साहिबगंज और हल्दिया में मल्टीमॉडल टर्मिनलों का विकास; कालूघाट में इंटरमॉडल टर्मिनल; फ़ेयरवे विकास, नौवहन सुविधाएं (चैनल अंकन, दिन/रात नौवहन सहायता, नदी सूचना प्रणाली आदि); सामुदायिक घाट, फरक्का में नया नेविगेशनल लॉक, फरक्का में मौजूदा नेविगेशनल लॉक का आधुनिकीकरण; त्वरित पोंटून उद्घाटन प्रणाली आदि।
मंत्री के बयान में कहा गया है कि राष्ट्रीय जलमार्गों पर कुल कार्गो आवाजाही में वर्ष 2021-22 की तुलना में 2022-23 के दौरान 16% की समग्र वृद्धि दर्ज की गयी है।
अंतर्देशीय जल परिवहन, विशेष रूप से कोयला, लौह अयस्क, सीमेंट, खाद्यान्न और उर्वरक जैसे थोक और भारी माल के परिवहन का सबसे सस्ता साधन है। इस समय भारत के मॉडल मिश्रण में इसकी हिस्सेदारी 2% कम है। मैरीटाइम इंडिया विजन (एमआईवी)-2030 के अनुसार सरकार का इरादा आईडब्ल्यूटी की हिस्सेदारी को 5% तक बढ़ाने का है।
जलमार्ग पर्यावरण के अनुकूल भी होते हैं, क्योंकि परिवहन के इस तरीक़े में ईंधन दक्षता अधिक होती है। प्रति यूनिट ईंधन से अधिक दूरी तय की जा सकती है।